शिप्रा तीर्थ परिक्रमा का शुभारंभ करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह केवल यात्रा नहीं बल्कि पुरातात्विक और आध्यात्मिक स्थलों का संरक्षण अभियान है. मुख्यमंत्री डॉ यादव शनिवार को उज्जैन के पावन रामघाट पर संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने इस दौरान रामघाट पर शिप्रा की पूजा-अर्चना अभिषेक और आरती कर ध्वज का पूजन किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश में जल एवं पर्यावरण संरक्षण, नदी पुनरुद्धार और पौधारोपण के कार्य किये जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उज्जैन और उसके आसपास जन्म लेना सौभाग्य की बात है. पुण्य-सलीला शिप्रा में 11 नदियां समाहित हैं. इसके किनारे पर 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है. सभी तीर्थों में अवंतिका तीर्थ बड़ा माना जाता है. वैदिक घड़ी के माध्यम से उज्जैन का स्टैंडर्ड समय देश-दुनिया के समय के रूप में फिर से स्थापित होगा.
"माँ शिप्रा तीर्थ परिक्रमा"
आस्था और विश्वास की यात्रा। pic.twitter.com/AvfG2APmcT
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 15, 2024
मंच पर प्रमुख संतों का स्वागत
मुख्यमंत्री डॉ. यादव संत समाज, श्रद्धालुओं और जनप्रतिनिधियों के साथ शिप्रा तीर्थ परिक्रमा में पैदल चलकर शामिल हुए. परिक्रमा करने वालों में अपार उत्साह दिखा. तीर्थ यात्रियों के हाथों में परिक्रमा के ध्वज लहरा रहे थे. मुख्यमंत्री ने मंच पर आसीन संतों में बालयोगी उमेशनाथ महाराज (राज्यसभा सदस्य), संत भगवानदास महाराज, कुशलदास महाराज, महंत हरिदास महाराज और अनिल गुरु महाराज का स्वागत किया.
प्रमुख धार्मिक स्थलों पर तीर्थ यात्रा
शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा रामघाट से प्रारंभ होकर नृसिंहघाट, आनन्देश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गउघाट, जंतर-मंतर, वरूणेश्वर महादेव मंदिर (शीतल गेस्ट हाउस) से इन्दौर रोड सीएचएल अस्पताल, प्रशांतधाम मंदिर, गुरूकुल (त्रिवेणी) नवग्रह शनि मंदिर पहुंचेगी. इसके बाद ये यात्रा गोठडा, सिंकदरी, दाउदखेड़ी, चांदमुख, चिंतामण, मंगरौला फंटा, लालपुल, भूखी माता मंदिर से गुरूनानक घाट होते हुए दत्त अखाडा तक पहुंचेगी.
इसके बाद रविवार 16 जून को घाट पर स्नान के बाद यात्रा रंजीत हनुमान, कालभैरव, सिद्धनाथ, अंगारेश्वर, कमेड, मंगलनाथ, सांदीपनी आश्रम, राम मंदिर, गढकालिका, भृर्तृहरि गुफा, ऋणमुक्तेश्वर, वाल्मीकी धाम चक्रतीर्थ, दानीगेट, ढाबारोड़, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, महाकाल मंदिर, बडा गणेश मंदिर, हरसिद्धी से वापस रामघाट पहुंचेगी। यहां गंगा दशहरा पर यात्रा का समापन होगा.