बीते दो कार्यकाल में भारत में जलमार्ग के माध्यम से परिवहन कनेक्टिविटी को मजबूत करने में जुटी रही मोदी सरकार ने इस कार्यकाल की शुरुआत में ही एक बड़ा निर्णय किया है। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने महाराष्ट्र के वधावन में ऑल वेदर ग्रीनफील्ड पोर्ट (बंदरगाह) के निर्माण को स्वीकृति दे दी है।
पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा, “महाराष्ट्र के वधावन बंदरगाह परियोजना को मंजूरी मिलने से आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। इसके जरिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।”
Today’s Cabinet decision on developing a major port at Vadhavan in Maharashtra will boost economic progress and also create employment opportunities at a large scale. https://t.co/njmsVAL0z6
— Narendra Modi (@narendramodi) June 19, 2024
यह भारत में सबसे बड़ी बंदरगाह परियोजनाओं में से एक होगी और आगामी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) के लिए प्रवेश द्वार बंदरगाह के रूप में काम करने की उम्मीद है।मंत्रिमंडल ने 7,453 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना को मंजूरी देकर देश की पहली ऑफशोर विंड पावर परियोजनाओं की योजना भी शुरू की। अन्य निर्णयों में खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 5 से 12.7 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है।
इस संबंध में एनसीपी के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “भारत की आधारभूत संरचना नई ऊंचाइयों को छू रहा है.”
प्रफुल्ल पटेल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”महाराष्ट्र के पालघर जिल के धनाउ के लिए उल्लेखनीय पल जिसे 76,220 करोड़ रुपये के वधावन बंदरगाह परियोजना को मंजूरी मिल गई है. पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की आधारभूत संरचना नई ऊंचाइयों को छू रहा है.”
A remarkable moment as Maharashtra's Dahanu in Palghar district sees the approval of the Rs 76,220 crore Vadhavan Port project! Under the visionary leadership of Honourable PM @narendramodi Ji, India's infrastructure is scaling new heights. pic.twitter.com/mLs9Eq1kVk
— Praful Patel (@praful_patel) June 20, 2024
वधावन पोर्ट को सभी मौसमों में काम करने वाला ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा।एक सरकारी बयान में कहा गया है कि परियोजना की लागत में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में मुख्य बुनियादी ढांचे, टर्मिनलों और अन्य वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे का विकास शामिल होगा।इस बंदरगाह से कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए, कैबिनेट ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बंदरगाह और राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क कनेक्टिविटी की स्थापना और मौजूदा रेल नेटवर्क और आगामी समर्पित रेल फ्रेट कॉरिडोर के लिए रेल लिंकेज को भी मंजूरी दे दी।
298 मिलियन मीट्रिक टन प्रोडक्ट स्टोर करने की होगी क्षमता
उधर, केंद्र सरकार की ओऱ से जारी बयान में बताया गया है कि परियोजना में कुल खर्च 76,220 करोड़ रुपये आएगी. जिसमें भूमि अधिग्रहण का खर्च भी शामिल है. इसमें वार्षिक रूप से 298 मिलियन मीट्रिक टन प्रोडक्ट को स्टोर करने की क्षमता होगी. बताया जा रहा है कि यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 10 लाख रोजगार पैदा करेगा.
पोर्ट में होंगे चार बर्थ
इसमें करीब 23.2 मिलियन टीईयू कंटेनरल हैंडलिंग की क्षमता होगी. हालांकि पहले चरण में यहां 15 मिलियन टीईयू कंटेनर हैंडलिग की क्षमता होगी. दूसरे चरण में यह 23.2 मिलियन टीईयू कंटेनर संभालेगा. इसके अलावा चार बहुदउद्देशी बर्थ होंगे. इनमें तटीय बर्थ, लिक्विड कार्गो बर्थ, रो-रो बर्थ और एक तटरक्षक बर्थ शामिल होगा.
10 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
बता दें कि इस पोर्ट में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे. इनमें से प्रत्येक कंटेनर टर्मिनल की लंबाई 1,000 मीटर होगी. इस परियोजना की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि यह पोर्ट आर्थिक गतिविधि को बढ़ाएगा जिससे 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा और साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देगा.