आमिर खान के बेटे जुनैद की डेब्यू फिल्म ‘महाराज’ फाइनली ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो गई है. ये फिल्म पिछले काफी समय से सुर्खियों में छाई हुई थी. इस फिल्म पर एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था. जिसके बाद इस फिल्म की रिलीज पर कोर्ट द्वारा रोक भी लगा दी गई थी. हालांकि शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने ‘महाराज’ को बड़ी राहत दी और इसकी रिलीज को हरी झंडी दे दी.
फिल्म महाराज को 21 जून यानी आज से ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज कर दिया गया है. नेटफ्लिक्स पर ‘महाराज’ स्ट्रीम करने लगी है जिसे अब आप कभी भी देख सकते हैं.
‘महाराज’ की स्ट्रीमिंग नेटफ्लिक्स पर शुरू
नेटफ्लिक्स इंडिया ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर ‘महाराज’ का एक पोस्टर शेयर किया है. इस पोस्टर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘महाराज अब स्ट्रीम कर रही है.’ इसके साथ ही जुनैद खान का हैशटैग करते हुए फिल्म से जुड़े सभी सितारों को टैग किया है.
मल्होत्रा पी सिद्धार्थ के निर्देशन में बनी फिल्म महाराज में जुनैद खान और जयदीप अहलावत लीड रोल में हैं. इनके अलावा शालिनी पांडे, शरवरी वाघ भी इस फिल्म में अहम किरदार निभाएंगे. ये फिल्म भारतीय इतिहास के एक किस्से पर आधारित है जिसे आपको एक बार जरूर देखनी चाहिए. लोग इसे इसलिए भी देखना चाहेंगे क्योंकि इसपर जो विवाद बताया जा रहा था आखिर वो किस वजह से है.
गुजरात हाईकोर्ट ने क्या कहा?
बता दें कि कोर्ट ने फिल्म देखने के बाद कहा कि इसमें “कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है जिससे याचिकाकर्ताओं या किसी संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे.”जस्टिस संगीता विशेन ने कहा कि कोर्ट ने नेटफ्लिक्स और यशराज फिल्म्स को अदालत के आदेश की फॉर्मल रेसिप्ट के बिना ही फिल्म को रिलीज करने की स्वतंत्रता दी है, जिसे उपलब्ध कराने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी।
क्या लगा था आरोप?
दरअसल वैष्णव संप्रदाय पुष्टिमार्गी के 8 सदस्यों ने फिल्म की रिलीज के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और दावा किया था फिल्म के कुछ सीन्स में “निंदनीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, जो पुष्टिमार्गी संप्रदाय की भावनाओं आहत कर सकती है.”
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म की रिलीज से “पुस्तिमार्गी संप्रदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा की भावनाएं भड़कने की संभावना है, जो सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत आचार संहिता का उल्लंघन होगा.” हालांकि शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट ने फिल्म को क्लिन चिट दे दी.
‘महाराज’ की क्या है कहानी?
‘महाराज’ की कहानी 1862 में ब्रिटिश शासन के दौरान करसनदास मुलजी से जुड़े मानहानि केस पर बेस्ड है. करसनदास मुलजी एक सोशल एक्टिविस्ट और जर्नलिस्ट थे. भारतीय कानून के इतिहास में इस केस का महत्वपूर्ण प्रभाव है. मानहानि के इस मामले में जदुनाथजी महाराज ने करसनदास पर आरोप लगाया था कि वह उनकी और उनके भक्तों की छवि खराब कर रहे हैं.इस मामले में तत्कालीन बॉम्बे सुप्रीम कोर्ट के ब्रिटिश जजों ने करीब डेढ़ महीने की सुनवाई के बाद करसनदास के पक्ष में फैसला सुनाया था. फिल्म में जुनैद, पत्रकार करसनदास मुलजी का किरदार निभा रहे हैं, जबकि जयदीप अहलावत विलेन की भूमिका में हैं.