हज के दौरान भीषण गर्मी से होने वाली मौतों के बाद सऊदी सरकार के ऊपर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. सऊदी अरब के एक वरिष्ठ अधिकारी शुक्रवार को हज यात्रा के प्रबंधन के बचाव के लिए सामने आए और सऊदी सरकार का बचाव किया. इस साल हज के दौरान करीब 1100 लोगों की मौत हुई है, ज्यादातर मौतों की वजह भीषण गर्मी को बताया गया था. जिसके बाद से लगातार सऊदी सरकार के प्रबंधन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
सऊदी अधिकारी ने कहा कि किंगडम हज इंतजाम में नाकामयाब नहीं हुआ है, बल्कि लोगों की ओर से गलत निर्णय लिए गए हैं. जिन्होंने खतरों की चेतावनियों को ध्यान में नहीं रखा. सऊदी अधिकारी ने बताया कि सऊदी सरकार ने हज के दो सबसे व्यस्त दिनों में 577 मौतों की पुष्टि की है. ये मौतें तब हुई जब शनिवार को माउंट अराफात की तपती धूप में यात्री घंटों दुआ मांगने के लिए इकट्ठा हुए और रविवार को जब उन्होंने मीना में ‘शैतान को पत्थर मारने’ की रस्म में हिस्सा लिया.
खराब मौसम बनी वजह
सऊदी अधिकारी ने कहा कि ये मौतें खराब मौसम के बीच हुई हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि 577 का आंकड़ा आंशिक है और ये पूरे हज के दौरान हुई मौतों को कवर नहीं करता है. सऊदी सरकार ने बताया था कि इस साल 18 लाख तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लिया है, जिसमें 2 लाख सऊदी से हैं, बाकि विदेश से आए हैं.
हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और हर संपन्न मुसलमान को जिंदगी में एक बार करना होता है. सऊदी अधिकारी ने इंतजाम खराब होने की वजह बिना परमिट के लिए हज पर आने वाली यात्रियों को भी बताया है, जो महंगे हज से बचने के लिए बिना परमिट के ही हज करने आए थे.
बिना परमिट के हज यात्रा
हज का परमिट हर देश को कोटा प्रणाली के तहत दिया जाता है और फिर वहां के नागरिकों को लॉटरी के जरिए बांटा जाता है. जिन लोगों को ये परमिट मिलता है उनको भारी फीस देनी होती है, जिसकी वजह से कई हज यात्री टूरिस्ट वीजा पर हज करने सऊदी अरब आते हैं. ऐसे हज करने पर उनके ऊपर गिरफ्तारी और निर्वासन का जोखिम बना रहता है. 2019 में सऊदी सरकार ने अपने टूरिस्ट वीजा को आसान और सस्ता किया था, जिसके बाद से सऊदी में आना आसान हो गया है. लोग हज परमिट के बिना हज करके अपने हजारों पैसे बचाने की कोशिश करते हैं.