मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानी प्रादेशिक सम्मेलन में आज एकसाथ कई बड़ी घोषणाएं की. मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ये भी ऐलान किया कि पाठ्यक्रम में आपातकाल की संघर्ष गाथा को भी शामिल किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल में लोकतंत्र बचाने वालों ने किस तरह से संघर्ष किया था, उसे आज की पीढ़ी को बताने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मुख्यमंत्री निवास, भोपाल में आयोजित "लोकतंत्र सेनानी प्रादेशिक सम्मेलन" में प्रमुख घोषणाएं…@DrMohanYadav51#DrMohanYadav #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/1Xu5dgax4j
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 26, 2024
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान ऐलान किया कि लोकतंत्र सेनानियों को राज्य के सर्किट हाउस में 50 फीसदी रियायत पर आवास सुविधा 3 दिनों तक मिलेगी. बाकी के सेनानियों को सम्मान स्वरूप ताम्र पत्र प्रदान किए जाएंगे.
लोकतंत्र सेनानी को एयर एंबुलेंस सुविधा मिलेगी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस दौरान घोषणा की है कि लोकतंत्र सेनानियों को टोल नाकों पर टैक्स की छूट प्रदान होगी. साथ ही आयुष्मान कार्ड से इलाज पर हुए खर्च के भुगतान में देरी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि उपचार के लिए उन्हें बड़े अस्पताल या अन्य महानगर जाने के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. गंभीर रोग या गंभीर रूप से हुई स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में यह सुविधा दी जाएगी.
एयर टैक्सी सुविधा में 25 फीसदी की छूट
लोकतंत्र सेनानी प्रादेशिक सम्मेलन के मौके पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रदेश के दूर दराज के इलाकों तक संचालित एयर टैक्सी सुविधा में 25 फीसदी की रियायत प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की तरह सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार की व्यवस्था होगी. पूर्व में 8 हजार की राशि दी जाती थी. अब यह राशि 10 हजार होगी. मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि मीसा बंदियों के बच्चों/परिजनों को विभिन्न उद्योग और निवेश की योजनाओं से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी किया जिक्र
डॉ यादव ने कहा कि आज नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी आपातकाल के बारे में खुल कर वक्तव्य दिया. जिसमें मीसाबंदी के सबसे खराब काल को याद किया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जिस प्रकार से मीडिया प्रेस, आम जनता और विपक्ष दलों को जेल में डालकर खौफ पैदा किया था, उनके सामने लोकतंत्र सेनानियों ने अपने संघर्ष से सच्चे अर्थों में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को पुन: स्थापित किया.