नेपाल में मानसून आते ही तबाही मचना शुरू हो गई है. भारी बारिश के बीच देश के अलग अलग इलाकों में भारी भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं होने लगी है. इसके साथ ही आसमानी बिजली ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, पूरे देश में मानसून आने के बाद बीते 24 घंटों के भीतर अलग अगल हिस्सों में भूस्खलन, बाढ़ और बिजली गिरने की घटनाओं में कम से कम 14 लोगों की मौत हुई है. गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएमए) के अनुसार, भूस्खलन से आठ, बिजली गिरने से पांच और बाढ़ से एक व्यक्ति की मौत हुई है.
बुधवार को 44 घटनाओं में 14 लोगों की मौत
नेपाल के गृह मंत्रालय के मुताबिक, 26 जून को आपदा की कुल 44 घटनाएं दर्ज कीं. उन घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई है. जिसमें आठ लोग भूस्खलन के चलते मारे गए हैं और 5 लोगों की जान बिजली गिरने से हुई है. जबकि एक की बाढ़ भूस्खलन की घटना हुई है. जबकि दो लोग गायब बताए जा रहे हैं. एनडीआरएमए के प्रवक्ता दीजन भट्टाराई ने बताया कि इन हादसों में 10 लोगों को चोटें आई हैं. अकेले बुधवार को, भूस्खलन में लामजंग में पांच, कास्की में दो और ओखलढुंगा में एक की मौत हुई है.
#WATCH | Nepal: At least 14 people have been killed in landslide, flooding and lightning incidents in various parts of Nepal within the last 24 hours with the onset of monsoon: National Disaster Risk Reduction And Management Authority (NDRRMA), Nepal pic.twitter.com/VR2Cs5h0sU
— ANI (@ANI) June 26, 2024
मानसून आने के बाद 28 लोगों की मौत
गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, हिमालयी राष्ट्र में मानसून जलवायु प्रभाव के सक्रिय होने के बाद से पिछले 17 दिनों में कुल 28 लोगों की जान चली गई है. इसके साथ ही, 17 दिनों की अवधि के दौरान 33 जिलों में कुल 147 घटनाएं दर्ज की गई हैं. गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 17 दिनों में भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या बहुत अधिक हो गई है, अकेले भूस्खलन के कारण 14 लोगों की जान चली गई है. इसी अवधि में बिजली गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई. नेपाल में वार्षिक आधार पर मानसून के दौरान भूस्खलन और बाढ़ के कारण उच्च मृत्यु दर दर्ज की जाती है.
13 जून को नेपाल में आ जाता है मानसून
बता दें आमतौर पर नेपाल में मानसून का मौसम 13 जून को शुरू होता है और 23 सितंबर को समाप्त होता है. पिछले साल, यह सामान्य शुरुआत के दिन से एक दिन देरी यानी 14 जून को शुरू हुआ था. नेपाल को उम्मीद इस बार देश में मानसून के मौसम लगभग तीन महीने तक सक्रिय रहेगा. समय के साथ, सरकार ने अनुमान लगाया है कि सीज़न के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं से 1.8 मिलियन लोग प्रभावित हो सकते हैं.