समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के सेंगोल पर दिए बयान को लेकर हंगामा मचा है. उन्होंने कहा कि सेंगोल राजशाही का प्रतीक है, इसलिए इसे संसद से हटा देना चाहिए और यहां पर संविधान की प्रति लगानी चाहिए. सपा सांसद के इस बयान पर अब एलजेपी (आर) नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पलटवार किया है. उन्होंने पूछा है कि विपक्ष के नेता सकारात्मक राजनीति क्यों नहीं कर सकते हैं. विपक्ष को इन चीजों से इतनी ज्यादा दिक्कत क्यों है?
चिराग पासवान ने कहा, “यह मेरी समझ से परे है कि आपके क्षेत्र की जनता ने आपको विकास कार्यों के लिए चुना है या यहां आकर ऐसी विवादास्पद राजनीति करने के लिए. जिस तरह से इतने दशकों से ऐसे प्रतीकों को गलत रोशनी में दिखाने की कोशिश की गई है. आज जब हमारे प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें उचित सम्मान दिया जाता है तोआपको इन सब चीजों से दिक्कत क्यों हैं? ये विपक्षी नेता सकारात्मक राजनीति के बारे में क्यों नहीं सोच सकते?”
#WATCH | On SP MP RK Chaudhary's remark on Sengol, Union Minister Chirag Paswan says, "It is beyond my understanding that the people of your area have chosen you for development work or to come here and do such controversial politics. The way such symbols have been tried to be… pic.twitter.com/NaToi28pMb
— ANI (@ANI) June 27, 2024
आरके चौधरी ने क्या कहा था?
सपा सांसद आरके चौधरी ने लोकसभा से सेंगोल को हटाने की मांग की और इसे लोकतांत्रिक भारत में राजशाही का प्रतीक बताया. उन्होंने लोकसभा में शपथ के दौरान कहा, “आज, मैंने इस माननीय सदन में शपथ ली कि मैं कानून द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखूंगा. मगर सदन के अध्यक्ष के दाईं ओर सेंगोल को देखकर मैं चौंक गया.”
उन्होंने कहा, “महोदय, हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजशाही का प्रतीक है. हमारा संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा-महाराजा का महल नहीं.” चौधरी ने स्पीकर से गुजारिश की कि सेंगोल को यहां से हटा दिया जाए. सपा सांसद ने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि सेंगोल को सदन से हटा दिया जाए और उसकी जगह संविधान की एक बड़ी प्रति लगाई जाए.”