अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था शुक्रवार को जम्मू से रवाना हो गया है. श्रद्धालुओं को विदा करने से पहले उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में अमरनाथ बेस कैंप में पूजा की और हरी झंडी दिखाई.
#WATCH जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू स्थित अमरनाथ यात्रा के बेस कैंप से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया। pic.twitter.com/ffTDz1f6iH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2024
साथ ही इस मौके पर मनोज सिन्हा ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया है. उन्होंने सुरक्षा की बात करते हुए कहा कि पिछले 3-4 वर्षों में यात्रा के लिए काफी इंतजाम किए गए हैं और इस बार भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सभी जरूरी इंतजाम किए हैं, सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
आज बेस कैंप भगवती नगर जम्मू से पहला जत्था बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना हुआ. 29 जून को यात्रा शुरू होगी. यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ा दिया गया है. इसके साथ ही ड्रोन और 365 एंगल के सीसीटीवी कैमरों से यात्री वाहनों पर नजर रखी जा रही है. जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हर 500 मीटर और एक किलोमीटर की दूरी पर सुरक्षा चौकियां स्थापित की गई हैं.
#WATCH | J&K: With the Amarnath Yatra set to begin shortly, security tightened on the Jammu-Srinagar National Highway (NH-44) in Udhampur district, particularly near the Kali Mata temple in the Manthal area of Tikri the first Base Camp of Shri Amarnath Ji Yatra.
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— ANI (@ANI) June 28, 2024
#WATCH जम्मू-कश्मीर: 29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए हजारों तीर्थयात्री जम्मू पहुंचे।
अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को आज जम्मू के बेस कैंप से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। pic.twitter.com/03kLedUEBn
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यात्रा से पहले हुई मीटिंग
अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्री काफी उत्साहित है. यात्रियों ने कहा कि हम पहली बार यात्रा करने आए हैं हमें बाबा ने बुलाया है और हम लोगों को भी कहना चाहते हैं कि बेफिक्र होकर बाबा के दर्शन करने आए. यात्रा को हरी झंडी दिखाने से एक दिन पहले यानी 27 जून को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा के सुरक्षा इंतजाम को लेकर एक मीटिंग की जिसमें सुनिश्चित किया गया कि यात्रा के दौरान हर तरह की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो. साथ ही डॉक्टर, नर्स और राहत और बचाव की टीम भी तैनात हो यह भी सुनीश्चित किया गया. उप राज्यपाल ने कहा कि तीर्थयात्री जम्मू कश्मीर के ब्रांड एंबेसडर हैं.
Flagged off the first batch of Shri Amarnath Ji pilgrims, as they set off to the Holy Cave. Wishing all the devotees a safe and spiritually-fulfilling journey. Prayed to Baba Amarnath for peace, prosperity and happiness to all. pic.twitter.com/R6L6awLq4f
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) June 29, 2023
हेलमेट पहनना जरूरी, श्राइन बोर्ड की तरफ से मुफ्त सुविधा
अमरनाथ यात्रा को इस बार टोबैको फ्री घोषित किया गया है मतलब ये कि बालटाल और पहलगाम रूट पर अब तंबाकू या तंबाकू से बने दूसरे प्रोडक्ट नहीं बिकेंगे। पहली बार यात्रा के दौरान भूस्खलन वाली जगहों से गुजरते वक्त पत्थरों से बचने के लिए श्रद्धालुओं को हेलमेट पहनना जरूरी होगा। श्रद्धालु शनिवार को पारंपरिक बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा की ओर बढ़ेंगे। बालटाल रूट पर लगभग ढाई-तीन किलोमीटर के टुकड़े में यात्रियों को हेलमेट पहनकर जाना होगा। यह सुविधा श्राइन बोर्ड की ओर से निशुल्क दी जाएगी। बालटाल रूट से जाने वाला जत्था शनिवार को ही हिमलिंग के दर्शन करके लौट आएगा। अब तक 3 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 62 दिनों तक चलने वाली यात्रा की शुरुआत 1 जुलाई से होगी।
रजिस्ट्रेशन के लिए भक्तों की लगी लंबी कतारें
देशभर से सैकड़ों की संख्या में भोले बाबा के भक्त जम्मू पहुंच रहे हैं। ऐसे में सभी के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जिन श्रद्धालुओं का पंजीकरण नहीं हुआ है, उनके लिए शहर में तुरंत पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, जिस का लाभ श्रद्धालु ले सकते हैं। पंजीकरण करवाने के लिए अलग-अलग जगहों पर टोकन लेने के लिए श्रद्धालु लंबी कतारों में सुबह से ही जुट गए हैं। यह सब देख भक्तों के बीच दर्शनों का उत्साह देखते ही बन रहा है और हर जगह बम बम भोले और जय बाबा बर्फानी के जयकारों से शहर गूंज रहा है।
अमरनाथ की गुफा के लिए पहलगाम और बालटाल से है रास्ता
बता दें कि श्री बाबा अमरनाथ जी की गुफा में पहुंचने के लिए मार्ग पहला मार्ग पहलगाम और दूसरा मार्ग बालटाल है। अगर कथा और पुराणों की बात की जाए तो पहलगाम के मार्ग का उसमें जिक्र किया गया है, जबकि बालटाल का रास्ता काफी आसान है और जो यात्री लंबे समय तक नहीं चल पाते, वह अधिकतर बालटाल का रास्ता अपनाते हैं।
रिकॉर्ड तोड़ हो सकती है इस बार की यात्रा
अधिकारिक सूत्रों की बात करें तो इस बार अभी तक तीन लाख के करीब यात्रियों ने अपना पंजीकरण करवाया है, जबकि अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार यात्रा रिकॉर्ड तोड़ हो सकती है। अगर साल 2022 की बात करें तो उस समय केवल 44 दिन की यात्रा थी जबकि 20 दिन खराब मौसम के चलते यात्रा काफी ज्यादा प्रभावित भी हुई थी।
इस बार यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था
इस बार जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से कश्मीर तक अलग-अलग स्थानों पर आपात स्थिति में यात्रियों को रहने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी। जिला रामबन के चंदरकोट में 3600 क्षमता वाला यात्री निवास स्थापित किया गया है, क्योंकि इस साल रिकॉर्ड 62 दिन की अमरनाथ यात्रा से जुड़े होटल, टैक्सी ऑपरेटर, ड्राई फ्रूट्स आदि व्यवसाय में तेजी आने की उम्मीद है और व्यापारी वर्ग भी खुश है।
सुरक्षा के भी बंदोबस्त पूरे
जम्मू के भगवती नगर में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए कई बंदोबस्त किए गए हैं, जिसमें लंगर से लेकर अन्य सुविधाएं शामिल हैं। वहीं सुरक्षा की बात करें तो जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ समेत अन्य सुरक्षा दस्तों को तैनात किया गया है और बेस कैंप के आस-पास के इलाकों को खंगाला जा रहा है।