आज यानी शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा में अभिभाषण दिया, जिसके बाद बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए कहा “हाल ही में संपन्न चुनावों के विषय में जो बात कही गई, उस संदर्भ में मेरा कहना था कि यह नीति, नियत, निष्ठा और निर्णय के विकास के प्रति जनादेश था. इस चुनाव में कई और विशेषताएं रहीं. भारत के लोकतंत्र को एक नए स्वरूप में नया विस्तार पाने का अवसर मिला.
जम्मू-कश्मीर के चुनाव का जिक्र करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जिस तरह चुनाव हुए और लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया यह लोकतंत्र के लिए सुखद सहयोग रहा. जिसके बाद सुधांशु त्रिवेदी ने बीजेपी की अयोध्या में हुई हार का जिक्र करते हुए कहा कि हां हमें अयोध्या में जीत नहीं मिली, इसलिए इनके चेहरे पर चमक दिख रही है. प्रभु की लीला समझिये, जो लोग राम को मानते नहीं थे, वो लोग हमें राम के अस्तित्व गिना रहे हैं.
संविधान को लेकर क्या कहा
इस समय बीजेपी और कांग्रेस के बीच संविधान को लेकर बहस छिड़ी हुई है, जहां एक तरफ कांग्रेस ने पूरा लोकसभा चुनाव इस मुद्दे पर लड़ा की बीजेपी के सत्ता में आने से संविधान को खतरा है वहीं दूसरी तरफ संविधान की चोट पर अब बीजेपी ने कांग्रेस को आपातकाल के नाम पर काउंटर अटैक किया है. सुधांशु त्रिवेदी ने उसी कड़ी में कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जब-जब इनकी सरकार आई संविधान खतरे में था.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बीजेपी की सरकारें बर्खास्त कर दी गई, इनकी सरकार में शरिया संविधान से ऊपर था. राजीव गांधी की सरकार में शरिया संविधान से ऊपर था जब जब इनकी सत्ता आई संविधान खतरे में था.
नेहरू और पीएम मोदी की बराबरी नहीं हो सकती
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू और पीएम मोदी में अंतर हैं, नेहरू और पीएम मोदी की बराबरी नहीं हो सकती. पीएम मोदी सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री बने और कांग्रेस में सर्वसम्मति के बगैर नेहरू पीएम बनें.