वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) ने शुक्रवार को सिंगापुर में हुई अपनी पूर्ण बैठक के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग पर भारत की पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को स्वीकार किया और आतंकवाद की फंडिंग के खिलाफ इसकी कार्रवाई की प्रशंसा की। अपने संक्षिप्त निष्कर्ष बयान में वैश्विक निकाय ने कहा कि इन दोनों क्षेत्रों में भारत अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है। हालांकि, FATF ने यह भी कहा कि भारत को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग के मुकदमों की सुनवाई पूरी करने में होने वाली देरी का समाधान करने की जरूरत है। संस्था ने कहा कि ‘गुणवत्ता एवं निरंतरता समीक्षा’ पूरी होने के बाद देश के संबंध में अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी।
‘वैश्विक वित्तीय बाजारों तक बेहतर पहुंच होगी’
भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक रिलीज में कहा गया, ‘JAM (जन धन, आधार, मोबाइल) ट्रिनिटी के कार्यान्वयन के साथ-साथ नकद लेनदेन पर कड़े नियमों के कारण वित्तीय समावेशन और डिजिटल लेनदेन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन उपायों ने लेन-देन को और अधिक ट्रैक करने योग्य बना दिया है, जिससे ML/TF जोखिम कम हो गया है और वित्तीय समावेशन में वृद्धि हुई है। FATF पारस्परिक मूल्यांकन पर भारत का प्रदर्शन हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी लाभ प्रदान करता है, क्योंकि यह वित्तीय प्रणाली की समग्र स्थिरता और अखंडता को प्रदर्शित करता है। अच्छी रेटिंग से वैश्विक वित्तीय बाजारों और संस्थानों तक बेहतर पहुंच होगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।’
फ्रांस की राजधानी में है FATF का हेडक्वॉर्टर
बता दें कि FATF का हेडक्वॉर्टर पेरिस में है और यह संस्था मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का नेतृत्व करती है। FATF दिशानिर्देशों के अंतर्गत भारत का पारस्परिक मूल्यांकन पिछली बार 2010 में किया गया था। इस मूल्यांकन का मकसद किसी देश की वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कानून और नीति बनाने तथा उन्हें लागू करने की क्षमता की पड़ताल करना है। भारत के मामले में FATF की समीक्षा इस साल की शुरुआत में समाप्त हो गई थी, जब टीम ने नई दिल्ली का दौरा किया था तथा विभिन्न खुफिया और जांच एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात की थी।