असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि प्रस्तावित कामाख्या मंदिर कॉरिडोर पर काम आईआईटी गुवाहाटी की मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू होगा। लार्सन एंड ट्यूब्रो कंपनी को कॉरिडोर परियोजना का कार्यभार सौंपा गया है। इस कंपनी ने आईआईटीजी की स्वीकृति के लिए अपनी निर्माण योजनाओं और उनका ब्लू प्रिंट भेज दिया है।
कब शुरू होगा काम?
मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी नीलांचल पर्वत पर कामाख्या मंदिर में अपनी पत्नी के साथ पूजा-अर्चना करने के बाद दी। उन्होंने बताया कि आइआइटी गुवाहाटी जल विज्ञान और भूविज्ञान संबंधी चिंताओं को दूर करने के बाद आईआईटीजी की मंजूरी मिलने पर ही कामकाज शुरू किया जाएगा। इस संबंध में आईआईटीजी को कोई समय सीमा नहीं दी गई है।
और कितना लगेगा समय?
हालांकि, इसे मंजूरी मिलने में तीन-चार महीने या उससे भी ज्यादा समय लग सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडब्ल्यूडी को निर्माण कार्य में कोई परेशानी नहीं होगी बल्कि उसे केवल सड़कों की मरम्मत करना और चौड़ा करना है। इस मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
मंदिर के पुजारियों ने इस मामले पर जताई है चिंता
उल्लेखनीय है कि मंदिर के कुछ पुजारियों ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में प्रस्तावित विकास कार्य योजनाओं को लेकर चिंता जताई है। उनका आरोप है कि इस कार्ययोजना से अंदर-अंदर बहने वाले झरनों पर असर पड़ेगा और इनमें से एक झरना तो मंदिर के गर्भगृह तक जाता है। अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को करेगी।