उत्तर प्रदेश में PCS ज्यूडिशियल की परीक्षा में धांधली का मामला सामने आया है. आरोप है कि मुख्य परीक्षा की 50 कॉपियां बदली गईं. वहीं यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में गड़बड़ी की बात स्वीकार की है. इस मामले में पांच अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. यह परीक्षा 22 से 25 मई 2023 के बीच हुई थी. मुख्य परीक्षा का रिजल्ट बीते साल 1 अगस्त को घोषित किया गया था, जबकि फाइनल रिजल्ट 30 अगस्त को जारी हुआ था.
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला, अनुभाग अधिकारी शिवशंकर और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं उपसचिव स्तर के अधिकारी सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का विचार किया जा रहा है. इसी मामले में रिटायर सहायक समीक्षा अधिकारी चंद्र कला के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है.
कैसे हुआ खुलासा?
इस धांधली का खुलासा एक आरटीआई से हुआ. यूपी पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा में असफल अभ्यर्थी श्रवण कुमार ने एग्जाम की आंसर सीट देखने के लिए एक आरटीआई लगाई थी. आंसर सीट देखने के बाद अभ्यर्थी ने आरोप लगाया कि उसकी इंग्लिश की कॉपी में हैंडराइटिंग बदली हुई है और दूसरी कॉपी के कुछ पन्ने भी फाड़े गए हैं, जिस वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया.
ये जानने के बाद अभ्यर्थी श्रवण कुमार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसके बाद आयोग ने हाई कोर्ट में अपनी तरफ से हलफनामा देकर बताया कि मुख्य परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की 18042 कॉपियों की जांच कराई जा रही है. वहीं कोर्ट ने इस मामले में गड़बड़ी दुरुस्त करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी मांगी है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट में लोक सेवा आयोग ने पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 के परिणाम में गड़बड़ी स्वीकार की है. 3 अगस्त तक नए सिरे से गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों के पुनः परिणाम घोषित करने का हलफनामा दाखिल कर उप सचिव ने जानकारी दी. श्रवण पांडेय की याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
50 अभ्यर्थियो के परिणाम में गड़बड़ी की बात
अधिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उप सचिव के हलफनामे में स्वीकार किया गया कि कॉपियों की इंटरमिक्सिंग हुई है. लगभग ऐसे 50 अभ्यर्थियो के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है. इनके परिणाम फिर से जारी किए जायेंगे. कोर्ट ने उप सचिव के हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना और चेयरमैन को चार बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
8 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
पुष्टि होने के बाद उपसचिव ने 3 अगस्त तक नए सिरे से गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों के पुनः परिणाम घोषित करने का हलफनामा दाखिल किया। श्रवण पांडेय की याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
याची अधिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उप सचिव के हलफनामे में स्वीकार किया गया कि इंटरमिक्सिंग हुई है। लगभग ऐसे 50 अभ्यर्थियों के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है। इनके परिणाम फिर से जारी किए जाएंगे। कोर्ट ने उप सचिव के हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना और चेयरमैन को चार बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।