पिछले दिनों लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों की ओर से शपथ लेने के दौरान की गई नारेबाजी को देखते हुए स्पीकर ओम बिरला ने एक अहम फैसला किया है. इस फैसले के तहत उन्होंने नियम में संशोधन करते हुए निर्वाचित सांसदों को सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के दौरान कोई भी टिप्पणी जोड़ने पर रोक लगा दी है.
ओम बिरला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को विनियमित करने के लिए ‘अध्यक्ष की ओर से डायरेक्शन’ के ‘डायरेक्शन 1’ में एक नया क्लॉज जोड़ा है, जो पहले के नियमों में विशेष रूप से प्रदान नहीं किया गया है.
LS Speaker amends rules, members can't raise slogans during oath
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— ANI Digital (@ani_digital) July 3, 2024
किया गया है ये बदलाव
‘डायरेक्शन-1’ में संशोधन के अनुसार, नया क्लॉज-3 अब कहता है कि कोई भी सदस्य जब शपथ लेगा तो शपथ या प्रतिज्ञान के रूप में किसी भी नए शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा या कोई टिप्पणी नहीं करेगा. यह संशोधन पिछले सप्ताह शपथ लेते समय कई सदस्यों की ओर से “जय संविधान” और “जय हिंदू राष्ट्र” जैसे नारे लगाने को देखते हुए किया गया है.
इस वजह से किया फैसला
बता दें कि संसद सत्र के पहले और दूसरे दिन शपथ के दौरान कई सांसदों ने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया था. यही नहीं, एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तो ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा भी लगा दिया था, जिस पर कई सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी. तब स्पीकर ने सदस्यों से शपथ के तय फॉर्मेट का पालन करने का आग्रह किया था, लेकिन इसका किसी ने पालन नहीं किया था.
‘राजनीतिक संदेश देने के लिए किया ऐसा’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि कई नव निर्वाचित सांसदों ने अपने शपथ लेने के पवित्र मौके का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश भेजने के लिए किया. बता दें कि इस तरह के नारों के कारण 24 और 25 जून को सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच सदन में तीखी बहस भी हुई थी.