नीट पेपर लीक मामले में 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं. उनमें से ज्यादातर याचिकाएं नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली हैं. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई की. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का विरोध किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि परीक्षा रद्द होने से उन लाखों छात्रों को नुकसान होगा जिन्होंने ईमानदारी से परीक्षा दी थी. अब इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.
NEET-UG 2024 exam: Supreme Court observes that one thing is clear that leak (of question paper) has taken place. The question is, how widespread is the reach? The paper leak is an admitted fact. pic.twitter.com/qyfZQESMsx
— ANI (@ANI) July 8, 2024
नीट मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- CJI ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है यह तो स्पष्ट है. अगर परीक्षा वाले दिन ही बच्चों को पेपर मिला था और उसे याद किया गया. इसका मतलब पेपर केवल स्थानीय स्तर पर ही लीक हुआ था, लेकिन अगर हमें यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे, तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा.
- भविष्य में पेपर लीक जैसी घटनाएं न हों, इसको लेकर कैसी तैयारियां हैं, सीजेआई ने इससे जुड़े कुछ सवाल किए. उन्होंने पूछा, साइबर क्राइम से निपटने वाली कौन सी तकनीक हमारे पास है? क्या डेटा एनालिटिक्स से हम मार्क कर सकते हैं? हम क्या कर सकते हैं जिससे भविष्य में पेपर लीक न हो? क्या हम मल्टी डिसिप्लिनरी कमेटी बना सकते हैं?
- एसजी ने कहा कि हमने हर संभव कदम उठाए हैं. हम अदालत को हर सवाल जवाब देंगे. सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आप दोबारा परीक्षा की मांग करने वाले सभी वकीलों के साथ बैठें. एक नोडल वकील दलील के लिए रखें. जो सवाल किए गए हैं, उनका जवाब केंद्र और एनटीए आकर अगली सुनवाई में देंगे. इस पर एसजी ने कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को कर लें, जिसे सीजेआई ने मंजूरी दे दी है.
- उन्होंने कहा, हम सबसे अहम परीक्षा की बात कर रहे हैं. लोग मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए बच्चों को तैयार करते हैं. इस पर एसजी ने जोर दिया कि यह मसला कुछ राज्यों तक ही सीमित है. सीजेआई ने कहा कि यही जानना है कि हकीकत क्या है? ऐसा नहीं होगा तो परिणाम रद्द कर फिर से परीक्षा करानी होगी.
- सीजेआई ने कहा कि आप जानते हैं कि हम यह क्यों पूछ रहे हैं? यदि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि लीक और परीक्षा के बीच समय अंतराल अधिक नहीं था तो यह दोबारा परीक्षा के लिए प्रतिकूल है और यदि समय अंतराल व्यापक है तो यह दर्शाता है कि लीक व्यापक था. यदि पवित्रता प्रभावित होती है तो पुनः परीक्षण करना पड़ता है, लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि 24 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा होना मुश्किल है. अगर हम देखें कि यह लीक सोशल मीडिया पर था तो यह बेहद व्यापक है. अगर यह टेलीग्राम व्हाट्सएप के माध्यम से है तो यह जंगल की आग की तरह फैल गया होगा.
- सीजेआई ने एनटीए को पेपर प्रिंटिंग से लेकर परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने की प्रक्रिया से संबंधित 11 सवालों पर जवाब देने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम यह जनना चाहते हैं कि पेपर लीक की टाइमलाइन और पेपर के बीच के अंतराल कितना है. 23 लाख से ज्यादा छात्र हैं और बड़े पैमाने पर अगर इसमें गड़बड़ी है तो हमें पेपर रद्द करना होगा.
- सीजेआई ने पूछा बैंक लॉकर में पेपर कब भेजे गए, क्या समय था परीक्षा का? एनटीए के वकील ने कहा कि 5 मई, दोपहर 2 बजे. देश में 4700 और 15 केंद्र विदेश में बनाए गए थे. इस परीक्षा में 24 लाख कैंडिडेट बैठे. सीजेआई ने पूछा विदेश कैसे भेजे गए? एनटीए ने कहा कि एंबेसी के जरिए. सीजेआई ने पूछा देश में किसी अधिकारी के जरिए या किस तरह शहरों में पेपर भेजे गए? एनटीए ने कहा हम जानकारी करके बताते हैं.
- सीजेआई ने पूछा कि यह कैसे कहा जा सकता है कि पूरी परीक्षा में गड़बड़ हुई है?
- सीजेआई ने कहा कि तो प्रश्नपत्र का लीक होना एक स्वीकृत तथ्य है. इस पर एसजी ने कहा कि पटना में एक जगह जहां अपराधी को गिरफ्तार किया गया है और जो छात्र लाभार्थी थे उनके परिणाम रोक दिए गए हैं.
- याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने ग्रुप्स ऑफ कैंडिडेट की पुष्टि की थी. इसमें काफी कुछ ऐसा है जो अभी तक सामने नहीं आया, ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर से कराया जाना ही एक विकल्प है. एनटीए का कहना है कि ये सब छोटे स्तर पर हुआ. इसकी जांच सीबीआई कर रही है, जबकि मामले में 6 एफआईआर हुईं और अब सीबीआई जांच कर रही है. यह पेपर लीक कहां तक है, जबकि पटना, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड और राजस्थान तक सामने आया है.
- याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस ने ग्रुप्स ऑफ कैंडिडेट की पुष्टि की थी. इसमें काफी कुछ ऐसा है जो अभी तक सामने नहीं आया, ऐसे में परीक्षा रद्द कर फिर से कराया जाना ही एक विकल्प है.
- उन्होंने कहा कि परीक्षा की साख से समझौता किया गया है. अगर प्रणालीगत स्तर पर धोखाधड़ी की साजिशों के लाभार्थियों को बेदाग लोगों से अलग नहीं किया जा सकता है तो इस अदालत ने पहले एक फैसले में माना है कि एक भी उम्मीदवार को अनुचित तरीकों से प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- छात्रों के वकील ने कहा कि कुल 6 FIR बिहार, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में हुई हैं. अब सीबीआई जांच कर रही है, लेकिन परीक्षा की साख नहीं रह गई. एनटीए ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है, यह बड़े पैमाने पर है और प्रणालीगत स्तर पर है. एनटीए का कहना है कि अभी तक वे निश्चित नहीं हैं कि गलती प्रणालीगत स्तर पर है या नहीं.
- सीजेआई ने कहा कि आपके मुताबिक पूरी परीक्षा रद्द किया जाना ही हल है. एसजी ने कहा कि मान लीजिए मुझे गलत पेपर मिल गया तो दूसरा दिया जा सकता है. परीक्षकों को भी नहीं पता था कि पेपर एसबीआई में हैं या केनरा में, कोई आकस्मिक पेपर नहीं है. गलत पेपर दे दिया गया इसलिए सही बांट दिया गया बाद में, इनमें से कुछ केंद्रों पर 30 मिनट अतिरिक्त दिए गए. वकील ने कहा लेकिन 1563 में अनुग्रह अंकों के साथ 6 छात्र ऐसे थे जिन्होंने पूर्ण अंक प्राप्त किए. सीजेआई ने कहा कि ठीक है 1563 में से 6 को पहले पूरे अंक मिले, दोबारा परीक्षण के बाद नहीं.
- सीजेआई ने बड़ी टिप्पणी करते हुए पूछा आखिर हमें बताएं कि री-टेस्ट क्यों जरूरी है? इस पर याचिकाकर्ता के वकीलों ने कहा कि परीक्षा लीक हुई. पूरा सिस्टम फेल हुआ. साख खत्म हो गई परीक्षा की, गलत हुआ है.
- उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस को संगठित अपराध के सबूत मिले हैं. मैंने नीचे एक टेबल दी है. 2021 में केवल तीन उम्मीदवारों को पूरे 720 अंक मिले थे. 2020 में केवल एक उम्मीदवार था. इस बार इतिहास में 67 छात्रों को पूरे अंक मिले. सीजेआई ने कहा कि 67 में से कितनों को ग्रेस मार्क्स मिले? क्या यह कहना सही है कि 1563 छात्र उस केंद्र से उपस्थित हुए जहां प्रश्नपत्रों का गलत सेट वितरित किया गया था?
- वकील ने कहा कि जो पेपर इस्तेमाल किया जाना था वह एसबीआई ( तिजोरी) में था और जो आकस्मिक योजना के तौर पर रखा जाना था वह केनरा बैंक में था. लीक होने के बाद एनटीए ने कहा कि इस्तेमाल होने वाला प्रश्न केनरा बैंक से है और इससे समय की हानि हुई भी.
- छात्रों के वकील ने कहा कि परीक्षा से ठीक एक दिन पहले 4 मई को एक टेलीग्राम चैनल ने खुलासा किया कि यह प्रश्न पत्र है और ये उत्तर हैं. 5 मई को परीक्षा थी.
- सीनियर वकील ने कहा कि हम इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. 9 फरवरी को परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन जारी किया गया था और परिणाम 14 जून को था. इसे पहले ही स्थगित कर 4 जून किया गया. कुछ घोटालेबाजों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र मांगे और 5 मई को परीक्षा हुई, इस तरह घोटाला हुआ.
- याचिकाकर्ता छात्रों के वकीलों ने कहा कि हम चाहते हैं कि नीट-यूजी की परीक्षा रद्द कर दी जाए.
- अब सुप्रीम कोर्ट लंच के बाद सुनवाई करेगा. बैंच सुनवाई के लिए 2 बजे बैठेगी.
- सीजेआई ने कहा कि हम सभी वकीलों की दलील नहीं सुन सकते. सिर्फ कुछ ही पक्ष रखें.
- परीक्षा को रद्द न करने की मांग करने वाले गुजरात स्थित छात्रों की ओर से पेश वकील का उल्लेख किया गया है. सीजेआई ने कहा कि कृपया मामले का निपटारा होने तक प्रतीक्षा करें.
- NEET-UG परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है.
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि नीट का इम्तिहान होने के बाद कुछ गड़बड़ियां, धोखाधड़ी, चीटिंग के मामले कथित तौर पर सामने आए हैं. इन्हीं के चलते सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में जब अभी तक ऐसे तथ्य सामने नहीं आए हैं जो इशारा करते हैं की देशभर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी या धोखाधड़ी हुई है. यह सही नहीं होगा कि पूरे एग्जाम को रद्द कर दिया जाए.
Supreme Court asks how many students' results have been withheld owing to leakage which took place; asks, where are these students – as in their geographical distribution? Are we still finding out the wrongdoers and have we been able to identify the beneficiaries?, asks Supreme…
— ANI (@ANI) July 8, 2024
सीबीआई ने आरोपों की जांच पहले ही शुरू कर दी है और 23 जून को जांच का जिम्मा संभालने के बाद इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं. नीट परीक्षा में धांधली का विवाद बढ़ने के बाद केंद्र सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया. इसमें इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन भी शामिल हैं.
काउंसलिंग हो चुकी स्थगित
एनटीए ने 5 मई को परीक्षा आयोजित की थी और 6 जून को परिणाम घोषित किए गए थे. 8 जुलाई को निर्धारित सुनवाई से पहले NEET UG 2024 के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी, लेकिन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजे की प्रतीक्षा में महीने के अंत तक काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है. अभी तक नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है.
नीट धांधली पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार को छात्रों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और एनटीए को बर्खास्त करने की मांग की. जंतर मंतर पर AISA, AIDSO और KYS समेत कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट NTA की परीक्षा प्रक्रिया के आपराधिक ढांचे को ध्यान में रखेगा और शिक्षा मंत्री से वास्तविक जिम्मेदारी की मांग करेगा. NEET परीक्षा दोबारा होनी चाहिए और NTA को खत्म किया जाए. इसके अलावा छात्रों ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है.