पेरिस ओलंपिक 2024 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 26 जुलाई से खेलों के इस महाकुंभ की शुरुआत होगी और 11 अगस्त तक इनक आयोजन होगा। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 100 साल बाद खेलों का आयोजन हो रहा है। इससे पहले 1924 और 1900 में पेरिस ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है।
इस बार ओलंपिक में 206 देशों के 10500 एथलीट हिस्सा लेंगे। भारतीय दल में भी करीब 120 एथलीट होंगे। भारत ने भी पहली बार 1900 में हुए ओलंपिक में हिस्सा लिया था। आइए जानते हैं कि ओलंपिक में अब तक भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है।
5 सदस्यीय दल भेजा था
भारत ने पहली बार 1900 में पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया था। नॉर्मन प्रिचर्ड भारत के इकलौते प्रतिनिधि थे, जिन्होंने 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर हर्डल रेस में 2 सिल्वर मेडल जीते थे। इसके बाद भारत ने 1920 के एंटवर्प ओलंपिक में अपना 5 सदस्यीय दल भेजा था। इसमें एथलेटिक्स में 3 और रेसलिंग में दो पहलवानों ने हिस्सा लिया था। हालांकि, भारत को कोई मेडल नहीं मिला था।
एम्स्टर्डम ओलंपिक में जीता सोना
1924 में हुए पेरिस ओलंपिक में भारत ने टेनिस में डेब्यू किया। 4 पुरुष और 1 महिला खिलाड़ियों ने सिंगल स्पर्धाओं में हिस्सा लिया। इसके अलावा 2 जोड़ियों ने मेंस डबल और 1 ने मिक्स डबल में हिस्सा लिया। इस साल भारत के दल में 13 सदस्य थे, इसके बाद भी भारत की झोली में कोई पदक नहीं आया।
1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक (22 सदस्यीय दल) से भारत ने गोल्ड मेडल जीता। दिग्गज हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 29 गोल कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। यहीं से हॉकी के स्वर्णिम युग की शुरुआत हुई।
1940 और 1944 में नहीं हुआ आयोजन
1932 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक (18 सदस्यीय दल) और 1936 के बर्लिन ओलंपिक (27 सदस्यीय दल) में भी भारतीय हॉकी टीम ने सोना जीतकर गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाई। 1940 और 1944 में ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं हो सका। इसका मुख्य कारण द्वितीय विश्व युद्ध था। 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली। ऐसे में 1948 के लंदन ओलंपिक में भारत ने एक स्वतंत्र देश के रूप में हिस्सा लिया।
86 एथलीट का दल भेजा
लंदन ओलंपिक में भारत ने 9 खेलों के लिए 86 एथलीट का दल भेजा। इस बार भी भारतीय हॉकी टीम ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। भारतीय हॉकी टीम ने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक और 1956 के मेलबर्न ओलंपिक ओलंपिक में भी सोना जीता।
हेलसिंकी ओलंपिक में पहलवान केडी जाधव व्यक्तिगत ओलंपिक मेडल (ब्रांज) जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। साथ ही नीलिमा घोष ओलंपिक में भाग लेने वाली स्वतंत्र भारत की पहली महिला एथलीट बनीं। 17 साल की नीलिमा ने 100 मीटर स्प्रिंट और 80 मीटर बाधा दौड़ में हिस्सा लिया।
मेक्सिको ओलंपिक में हॉकी टीम ने जीता कांस्य
1960 में रोम में हुए ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1964 में टोक्यो में एक बार फिर सोना जीता। 1968 में मेक्सिको ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और उन्हें ब्रॉन्ज मेडल ही मिला।
1972 के म्यूनिख ओलंपिक में भी भारत की झोली में कांस्य पदक आया। 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम 7वें स्थान पर रही। 1980 के मास्को ओलंपिक में हॉकी टीम ने एक बार फिर पदक पर कब्जा जमाया।
3 ओलंपिक में नहीं मिला कोई पदक
1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक, 1988 के सियोल ओलंपिक और 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में भारतीय टीम कोई मेडल नहीं जीत सकी। 1996 के अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने मेंस सिंगल स्पर्धा में ब्रॉज मेडल अपने नाम किया। 2000 में सिडनी में हुए ओलंपिक मे वेटलिफ्टर कर्णम मालेश्वरी कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं।
बीजिंग ओलंपिक में भारत ने 3 पदक जीते
एथेंस ओलंपिक 2004 में पुरुषों के ट्रैप में आर्मी मैन राज्यवर्धन सिंह राठौर का सिल्वर मेडल भारत का पहला व्यक्तिगत ओलंपिक पदक बना। उन्होंने निशानेबाजी में इसे प्राप्त किया। 2008 में हुए बीजिंग ओलंपिक में भारत ने 3 पदक अपने नाम किए। निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में देश का पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीता। बॉक्सर विजेंदर सिंह और पहलवान सुशील कुमार ने भी कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।
लंदन ओलंपिक में जीते 6 पदक
2012 में हुए लंदन ओलंपिक में भारत को 6 मेडल मिले। साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में भारत का पहला ओलंपिक पदक (कांस्य) जीता। इसके बाद कुश्ती में सुशील कुमार (चांदी), शूटिंग में गगन नारंग (कांस्य), शूटिंग में विजय कुमार (चांदी), मुक्केबाजी में मैरी कॉम (कांस्य) और कुश्ती में योगेश्वर दत्त (कांस्य) ने पदक जीते।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में मिले सबसे ज्यादा पदक
2016 में हुए रियो ओलंपिक में पीवी सिंधू ने बैडमिंटन में चांदी और साक्षी मलिक ने कुश्ती में ब्रॉन्ज अपने नाम किया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की झोली में 7 पदक आए, जो अब तक के सबसे ज्यादा हैं। 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता।
विमेंस वेल्टरवेट बॉक्सिंग में लवलीना बोरगोहेन ब्रॉन्ज, विमेंस सिंगल्स बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने ब्रॉन्ज, मेंस फ्रीस्टाइल 57 किग्रा में रवि दाहिया ने सिल्वर मेडल, मेंस हॉकी टीम ने कांस्य पदक, रेसलिंग में बजरंग पूनिया ने ब्रॉन्ज मेडल और मेंस जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा में गोल्ड मेडल जीता।
ओलंपिक | एथलीट | मेडल |
पेरिस 1900 | 1 | 2 |
एंटवर्प 1920 | 5 | 0 |
पेरिस 1924 | 13 | 0 |
एम्सटर्डम 1928 | 22 | 1 |
लॉस एंजिल्स 1932 | 18 | 1 |
बर्लिन 1936 | 27 | 1 |
लंदन 1948 | 86 | 1 |
हेलसिंकी 1952 | 64 | 2 |
मेलबर्न 1956 | 59 | 1 |
रोम 1960 | 45 | 1 |
टोक्यो 1964 | 53 | 1 |
मेक्सिको सिटी 1968 | 25 | 1 |
म्यूनिख 1972 | 46 | 1 |
मॉनट्रियल 1976 | 26 | 0 |
मास्को 1980 | 52 | 1 |
लॉस एजिल्स 1984 | 47 | 0 |
सियोल 1988 | 43 | 0 |
बार्सिलोना 1992 | 46 | 0 |
अटलांटा 1996 | 40 | 1 |
सिडनी 2000 | 44 | 1 |
एथेंस 2004 | 73 | 1 |
बीजिंग 2008 | 57 | 3 |
लंदन 2012 | 83 | 6 |
रियो डी जेनेरियो 2016 | 117 | 2 |
टोक्यो 2020 | 127 | 7 |