लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी में मंथन का दौर जारी है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश में नाकामी के बाद पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है। इसे लेकर हुई यूपी बीजेपी कार्यकारिणी बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट बात रखी और नेताओं-कार्यकर्ताओं से आगामी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए अभी से जुट जाने की अपील की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों के अति आत्मविश्वास ने उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है। आदित्यनाथ भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद थे। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी की यह पहली बड़ी बैठक थी।
अति आत्मविश्वास ने उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने विपक्ष पर लगातार दबाव बनाते हुए 2014, 2017, 2019 और 2022 में उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल कीं। 2024 में भाजपा पिछले चुनावों की तरह ही वोट प्रतिशत हासिल करने में कामयाब रही, लेकिन वोट-शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया। विपक्ष, जो पहले वेंटिलेटर पर था, अब उसे कुछ ऑक्सीजन मिल गई है। आदित्यनाथ ने लखनऊ में राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में दिन भर चली बैठक के समापन सत्र में ये बातें कहीं।
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 33 सीटें जीतीं, जो 2019 में मिली 62 सीटों से काफी कम है। कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं, जबकि उसकी भारतीय सहयोगी समाजवादी पार्टी ने यूपी से 37 सीटें हासिल कीं जो उसका अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। योगी आदित्यनाथ ने पार्टी के सभी सदस्यों से 10 विधानसभा क्षेत्रों में आगामी उपचुनाव और 2027 के राज्य विधानसभा चुनावों के लिए तुरंत सक्रिय होने की अपील की।
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी आज से ही करें
उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा सांसदों, विधायकों, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्षों, मेयरों, ब्लॉक प्रमुखों, चेयरमैनों और अन्य लोगों से 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी आज से ही शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हमें एक बार फिर राज्य में भाजपा का झंडा फहराना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर अति सक्रिय रहना चाहिए और किसी भी अफवाह का तुरंत जवाब देना चाहिए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि आज आपके सहयोग से हम यूपी बनाने को माफिया मुक्त बनाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा, अयोध्या में श्री राम लला की उनके मंदिर में स्थापना से 500 साल की प्रतीक्षा भी समाप्त हुई।
ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि उन्होंने कड़ी मेहनत की है। जब आप विपक्ष में थे, तो आपने लोगों के मुद्दों के लिए लड़ाई लड़ी और अब सरकार में हैं, तो यूपी में सुरक्षा की भावना है। आदित्यनाथ ने कहा कि पहले मोहर्रम के दौरान सड़कें सुनसान रहती थीं। आज किसी को पता ही नहीं चलता कि मोहर्रम हो रहा है। ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, तार हटा दिए जाते थे। आज कहा जाता है कि गरीबों की झोपड़ी और तारों को नहीं छुआ जाएगा। हमारा स्पष्ट निर्देश है कि नियमों के तहत त्योहार मनाएं या घर पर रहें। भाजपा ने पूरे देश में कानून द्वारा शासन और सुशासन का प्रदर्शन किया है।
जाति के आधार पर बांटने का पाप किया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया जानती है कि अगर हमारा समाज बिखरा हुआ है, तो इसे आसानी से शिकार बनाया जा सकता है, लेकिन अगर एकजुट हो गया, तो बड़ी से बड़ी ताकतें भी इसके सामने झुक जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में जाति के आधार पर बांटने का पाप किया गया। हमें सावधान और सतर्क रहना चाहिए। हमें झूठी बातों का मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का अधिकतम इस्तेमाल करना चाहिए। हमें महान अनुसूचित जाति व्यक्तित्वों पर भाजपा के विचारों को सामने लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2023 के नगर निगम चुनावों में सभी 17 मेयर सीटें, सबसे अधिक नगरपालिका सीटें और सबसे अधिक अध्यक्ष और पार्षद सीटें जीतीं। हमने 2022 में आज़मगढ़ और रामपुर में उपचुनाव जीते। आगामी सभी 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा का झंडा लहराएगा। हमें इसके लिए अभी से काम शुरू कर देना चाहिए। यह आज से हमारा संकल्प होना चाहिए।
2027 चुनाव के लिए साफ संदेश
बहरहाल, सीएम योगी का संदेश साफ है कि अगर अभी से 2027 चुनाव में नहीं जुटा गया तो पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। राज्य में 2027 में विधानसभा चुनाव है और तमाम पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। यूपी में सपा-कांग्रेस की जुगलबंदी ने भाजपा की रणनीति को बुरी तरह गड़बड़ा दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 में इस गठबंधन को पार्टी गंभीरता से नहीं ले रही थी, लेकिन जब नतीजे आए तो भाजपा हक्का-बक्का रह गई। उसे 29 सीटों का बारी नुकसान हुआ और इस बार पार्टी केंद्र में अपने दम पर स्पष्ट बहुत हासिल नहीं कर पाई। ऐसे में अगर 2027 चुनाव को लेकर ढिलाई बरती गई तो भाजपा को सत्ता गंवानी पड़ सकती है। इसी के मद्देनजर सीएम योगी कार्यकर्ताओं सहित सहित सभी सांसदों, नेताओं को कम कसने की सलाह दे रहे हैं।