शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग के आदेश दिए थे, इसे ही रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर दखल देने से साफ इनकार कर दिया है। वह हाईकोर्ट के आदेश पर ही बरकरार रहे।
शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने के लिए अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सीबीआई की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अभी इस मामले में 10 जुलाई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट से अभिषेक बनर्जी को जुर्माने के संबंध में राहत मिली है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बनर्जी के खिलाफ 25 लाख का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना हाईकोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए लगाया गया था, हालांकि इस मामले में बनर्जी को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने HC की तरफ से लगाए 25 लाख के हर्जाने पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अभिषेक बनर्जी की याचिका पर भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अवकाश पीठ ने कहा कि वह कोर्ट की छुट्टियों के बाद इस मामले की सुनवाई करेगी और मामले को 10 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है।
गौरतलब है कि शिक्षक भर्ती घोटाला 9 साल पुराना है। यह घोटाला 2014 का है। इस घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता चटर्जी जेल में बंद हैं। पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं।