दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई और अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले सहित तीन मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी गैरकानूनी है। इसपर फैसला सुरक्षित है। अंतरिम जमानत सीबीआई केस में भी फैसला सुरक्षित रखा गया है। इन दोनों मामलों के फैसले को सुरक्षित रखकर सोमवार को रेगुलर बेल नियमित जमानत पर बहस पूरी हो गई है। हाई कोर्ट ने कब तक फैसला सुरक्षित रखा है। इसकी तारीख नहीं दी गई है।
केजरीवाल के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट
इसके पहले सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि सिर्फ चार्जशीट दाखिल करने से केजरीवाल को नियमित जमानत नहीं मिल जाती।
Delhi High Court reserves order on CM Arvind Kejriwal's regular bail plea in CBI case of Excise policy.
— ANI (@ANI) July 29, 2024
केजरीवाल से जुड़े मिले और सबूत
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि जैसे-जैसे उनकी जांच आगे बढ़ी, उन्हें अरविंद केजरीवाल से जुड़े और सबूत मिले। आज दाखिल चार्जशीट में केजरीवाल समेत छह लोगों के नाम हैं, लेकिन उनमें से पांच को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
केजरीवाल समेत इन 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट
सीबीआई ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल समेत इन 6 लोगों के खिलाफ शराब घोटाले के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इसमें पी. सरथ चंद्र रेड्डी, दुर्गेश पाठक, विनोद चौहान, आशीष माथुर, अमित अरोरा और अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है।
Senior Advocate Dr. Abhishek Manu Singhvi, representing CM Arvind Kejriwal, began his submissions by arguing that the case represents an "insurance arrest." He stated that Kejriwal has been granted bail thrice in the ED case. Singhvi also pointed out that since Kejriwal's arrest… https://t.co/4BpvtanPS9
— ANI (@ANI) July 29, 2024
केजरीवाल आबकारी घोटाले के हैं मुख्य सूत्रधार
वकील डीपी सिंह ने कहा कि सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने अपनी जांच पूरी कर ली है और एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी है। उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले में मुख्य सूत्रधार हैं।
केजरीवाल ने आबकारी नीति पर किए हस्ताक्षर
वकील ने कहा कि कैबिनेट के मुखिया के तौर पर अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे अपने सहयोगियों को भेजा और एक ही दिन में उनके हस्ताक्षर प्राप्त कर लिए। यह सब कोरोना महामारी के दौरान हुआ।
IAS अधिकारी ने केजरीवाल के खिलाफ दी गवाही
सीबीआई के वकील ने आगे कहा कि मनीष सिसोदिया के अधीन आईएएस अधिकारी सी. अरविंद ने गवाही दी कि विजय नायर कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए आबकारी नीति की एक कॉपी लेकर आए थे और उस समय अरविंद केजरीवाल मौजूद थे। सीबीआई के अनुसार, यह इस मामले में केजरीवाल की सीधी संलिप्तता को दर्शाता है।
44 करोड़ रुपये की रकम का लगाया गया पता
सीबीआई ने कहा कि हमने मामले में 44 करोड़ रुपये की रकम का पता लगाया है। यह पैसा गोवा गया था। केजरीवाल ने खुद अपने उम्मीदवारों से कहा कि पैसे की चिंता मत करो, चुनाव लड़ो। CBI ने कहा कि पैसा गोवा गया, खर्च का निर्देशन कौन करेगा? हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि सभी उम्मीदवार को 90 लाख रुपये दिए जाने थे।
हम ट्रायल शुरू करने के लिए तैयार- CBI
कोर्ट में CBI ने कहा कि केजरीवाल के वकील कहते हैं कि एक बार चार्जशीट दाखिल हो होने के बाद व्यक्ति को सलाखों के पीछे नहीं रखना चाहिए। ये एक नेरेटिव बनाया गया है। कोर्ट सलाखों के पीछे रख सकती है ताकि उसका मुकदमा कम से कम समय में पूरा हो सके। कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें जमानत पर सीधे हाई कोर्ट सुनवाई कर सकता है। लेकिन हाई कोर्ट जमानत पर सुनवाई करने वाली पहली अदालत नहीं बन सकती। इस मामले में ये अंतिम आरोपपत्र है। हम ट्रायल शुरू करने के लिए तैयार हैं।
केजरीवाल का गवाह से नहीं कराया गया आमना-सामना- सिंघवी
इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा था कि यह कुछ और नहीं बल्कि इन्शयोरेंस गिरफ्तारी है। ईडी मामले में तीन बार किसी न किसी रूप में जमानत मिल चुकी है। जब से सीबीआई ने गिरफ्तार किया है, तब से किसी गवाह से आमना -सामना नहीं कराया गया है। सिंघवी ने एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 160 केवल गवाहों से संबंधित है और केजरीवाल को सीबीआई ने इसी प्रावधान के तहत पूछताछ के लिए बुलाया था।’