केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि हम सिर्फ रील बनाने वाले लोग नहीं हैं. हम मेहनत करने वाले लोग हैं. आपकी तरह हम रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं हैं. साथ ही उन्होंने रेलवे की सुरक्षा को लेकर कहा कि रेलवे में सुरक्षा की कवच प्रणाली के आधुनिक संस्करण को देश के हर किलोमीटर रेल नेटवर्क पर लगाने का काम चल रहा है और इस मामले में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
"We do not make reels, we do hard work": Rail Minister Ashwini Vaishnaw attacks Congress
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— ANI Digital (@ani_digital) August 1, 2024
लोकसभा में रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर पिछले 2 दिनों से जारी चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, “हम वो लोग नहीं हैं जो रील बनाते हैं. हम कड़ी मेहनत करने वाले लोग हैं, आप लोगों की तरह रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं हैं. लोको पायलट को लेकर उन्होंने कहा कि “लोको पायलटों से जुड़ी सभी चीजें, औसत कामकाज और आराम का समय आदि सभी रेलवे एक्ट के तहत 2005 में बनाए गए नियम से तय किया जाता है. फिर 2016 में इन नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को और अधिक सुविधाएं दी गईं.
#WATCH लोकसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "हम वो लोग नहीं हैं जो रील बनाते हैं, हम कड़ी मेहनत करते हैं, आप की तरह रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं है।
रेल मंत्री ने कहा, "लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में… pic.twitter.com/aHvPTzNTm0
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‘यूपीए के दौर में कम हुईं भर्तियां’
रेल मंत्री ने कहा कि सभी 558 रनिंग रूम को वातानुकूलित (AC) किया गया. लोकोमेटिव कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, बहुत गर्म हो जाती हैं. इसलिए 7,000 से ज्यादा लोको कैब को वातानुकूलित करके उसे अरबोनॉमिक डिजाइन लाया गया है. 2014 से पहले ये लोग लोको पायलट के साथ सहानुभूति दिखाते तो सही रहता. यह उन लोगों के समय में था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखा रहे हैं.
रेलवे में भर्ती का जिक्र करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “अगर रेलवे में भर्ती की बात की जाए तो यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 तक रेलवे में केवल 4 लाख 11 हजार कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, जबकि 2014 से 2024 तक एनडीए के शासनकाल में इन 10 सालों में ये संख्या बढ़कर 5 लाख 2 हजार हो जाती है… जिसकी सालों से मांग हो रही थी.”
#WATCH | While speaking in Lok Sabha, Union Minister for Railways, Ashwini Vaishnaw says, "If we see the ratio of non-AC (sleep and general coaches) and AC coaches – two-thirds are non-AC and one-thirds are AC coaches, this composition of a train has always been there. The demand… pic.twitter.com/N8cDhjSXKF
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उन्होंने कहा कि रेलवे भर्ती के लिए एक वार्षिक कैलेंडर हो, हमने इसे जनवरी 2024 में घोषित कर दिया है. जो युवा रेलवे में जाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, उनके लिए अब साल में 4 बार वैकेंसी (जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर) निकाली जाती हैं. अभी भी 40,565 खाली पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया है और इनकी भर्ती की जानी है.”
‘2014 से पहले नहीं शुरू हुई एटीपी प्रणाली’
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि सरकार की ओर से ट्रेनों में सामान्य डिब्बों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए ढाई हजार सामान्य कोच के उत्पादन का विचार किया गया है. 50 और अमृत ट्रेनों के निर्माण का फैसला लिया गया है. साथ ही कम दूरी वाले 2 शहरों के बीच वंदे मेट्रो चलाई जाएंगी. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि ट्रेनों की सुरक्षा के लिए स्वचालित रेलगाड़ी सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली 1970 और 1980 के दशक में ही दुनिया के कई देशों में शुरू कर दी गई थी, लेकिन कांग्रेस राज में यह प्रणाली शुरू नहीं की जा सकी. साल 2014 से पहले तक देश के एक भी किलोमीटर रेलवे नेटवर्क पर यह प्रणाली नहीं लग पाई.”
टीएमसी सांसदों की ओर से सीएम ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहने के दौरान लागू टक्कर रोधी उपकरण प्रणाली के उल्लेख पर मंत्री वैष्णव ने कहा कि साल 2006 में देश के करीब 1500 किलोमीटर रेल मार्ग पर यह प्रणाली लगाई गई थी. हालांकि इसका कोई सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था और फिर 2012 में ही इसे हटा दिया गया. तब काम को लेकर कोई गंभीरता नहीं लेकिन यह आज है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, “मैं यहां राजनीति नहीं करना चाहता, कई फैक्टस के साथ सबके सामने साफ तौर से रखना चाहता हूं.”
कवच प्रणाली को लेकर रेल मंत्री ने कहा कि साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद कवच सुरक्षा प्रणाली को लेकर गंभीरता से विचार किया गया और फिर 2016 में इसे लागू करने का फैसला लिया गया. कवच प्रणाली के आधुनिक संस्करण को देश के रेल नेटवर्क पर हर किलोमीटर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. साल 2019 में कवच के लिए सबसे उच्चतम स्तर के प्रमाणपत्र को भी हासिल कर लिया गया.
कवच को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगेः वैष्णव
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, हमारे पास कवच तकनीक के 3 विनिर्माता हैं, 2 नए विनिर्माता जल्द जुड़ने वाले हैं. 8000 से अधिक इंजीनियर और कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी गई. यही नहीं 6 विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी इसे शामिल किया गया है. फिलहाल 9000 किलोमीटर रेलमार्ग के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है.
उन्होंने बताया कि देश में रेलवे का नेटवर्क करीब 70 हजार किलोमीटर का है. इससे आधे नेटवर्क के आकार वाले देशों ने एटीपी प्रणाली को लागू करने में करीब 20 साल लगाए. मैं आप सभी को यह भरोसा दिलाना चाहूंगा कि कवच को लागू करने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे. दिन-रात लगते हुए और पूरी जी-जान लगाकर पूरे नेटवर्क पर और हर किलोमीटर रेलमार्ग पर इसे लगाने का पूरा का पूरा प्रयास करेंगे.
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि 12 लाख रेल कर्मी दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं और हमें उनकी ताली बजाकर हिम्मत बढ़ानी चाहिए. फिर कुछ देर तक उन्होंने जोरदार तरीके से मेज थपथपाई. साथ में सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी मेजें थपथपाईं.