पेरिस ओलंपिक 2024 भारतीय शूटर मनु भाकर के लिए किसी सपने से कम नहीं रहा है. शूटर मनु भाकर की ओर से ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने को मिला. इस बार भारत को पहला ओलंपिक मेडल भी मनु ने ही दिलाया और वह इसके बाद भी नहीं रुकीं. उन्होंने दूसरा मेडल अपने पार्टनर सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड टीम इवेंट में जीता. इन दोनों ही मौकों पर भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल जीता. वहीं, महिला शूटिंग 25 मीटर पिस्टल इवेंट में वह चौथे स्थान पर रहीं.
6 दिन में मनु भाकर का ऐतिहासिक प्रदर्शन
मनु भाकर ने दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा लिया. इससे पहले उन्होंने 2020 ओलंपिक में भी हिस्सा लिया था, तब वह पिस्टल खराब होने की वजह से मेडल जीतने से चूक गईं थीं. लेकिन इस बार उन्होंने सारा हिसाब बराबर कर लिया है. मनु ने 28 जुलाई को महिला 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में अपना पहला मेडल जीता था. इसके बाद 30 जुलाई को उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड टीम इवेंट में देश का मान बढ़ाया. अब 25 मीटर पिस्टल इवेंट में वह मेडल जीतने से एक कदम दूर रह गईं.
पाकिस्तान 32 साल में जो न कर सका वो मनु ने कर दिखाया
बता दें, पाकिस्तान 1948 से ओलंपिक में हिस्सा ले रहा है. उसे अपना पहला ओलंपिक मेडल 1956 के ओलंपिक में मिला था और उसके खाते में कुल 10 मेडल हैं. लेकिन पाकिस्तान ने ओलंपिक में आखिरी मेडल 1992 में जीता था. यानी पाकिस्तान पिछले 32 साल से एक ओलंपिक मेडल के लिए तरस रहा है, लेकिन भारत की बेटी मनु भाकर ने 6 दिन में ही 2 मेडल जीतकर पूरे देश को खुशी का मौका दिया.
छोटी सी उम्र में बड़े-बड़े कारनामे
हरियाणा के झज्जर के छोटे से गांव गोरिया से ताल्लुक रखने वाली मनु भाकर ने अपने करियर के दौरान कई खेल खेले. वह कराटे, थांग टा और टांता में मनु नेशनल मेडलिस्ट है. टांता में 3 बार की नेशनल चैंपियन है. स्केटिंग में स्टेट मेडल जीत चुकी हैं. वह शूटिंग से पहले बॉक्सिंग में भी मेडल जीत चुकी हैं. लेकिन चोट के कारण उन्हें बॉक्सिंग छोड़नी पड़ी थी. बता दें, मनु भाकर ने 16 साल की उम्र में ही 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा वह ISSF वर्ल्ड कप में भी 2 गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं.