पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के लिए एक के बाद एक बुरी खबर आ रही है। कल (7 अगस्त 2024) विनेश फोगाट को ओवरवेट के कारण अयोग्य करार दिया गया था जिसके बाद उन्होंने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। वहीं अब आज (8 अगस्त 2024) भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल की पेरिस ओलंपिक गाँव की मान्यता को रद्द कर दिया गया है।
दरअसल, 7 अगस्त को अंतिम पंघाल को ओलंपिक में डेब्यू में मिली हार के बाद वह अपने निजी कोच और स्पैरिंग पार्टनर से मिलने गई थीं। इस दौरान उन्होंने अपनी बहन निशा से कहा था कि वह उनका एक्रिडिटेशन कार्ड का उपयोग करने पेरिस गेम्स विलेज से अपना सामान ले आए।
Many ethics lessons here:
Antim Panghal is only 19 years old. So her behavior reflects what she has observed /learned from those around her.
1) She gave her ID card to her sister to smuggle into the Olympic Village. Such behavior likely from laxity in Indian sports camps &… pic.twitter.com/dawOm46qWI
— Dr. Mrunal Patel (Ph.D.) (@Mrunal_Patel) August 8, 2024
निशा जिस समय अपना सामान लेने जा रही थी। उस समय उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। उन्होंने इस अपराध के लिए कुछ देर हिरासत में रखा गया। बाद में IOA के हस्तक्षेप पर उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। हालाँकि इस हरकत के लिए IOA ने अंतिम से कहा कि वह अपने कोच, भाई और बहन के साथ पेरिस छोड़ें।
अंतिम पंघाल वही पहलवान हैं जिनके कारण विनेश फोगाट को 50 किग्रा वर्ग की कुश्ती में उतरना पड़ा था क्योंकि इस वर्ग में अंतिम पंघाल को कोटा मिलने के कारण पहले ही एंट्री मिल गई थी। विनेश ने इसके बाद अपना वजन 50 किलो के खेल के लिए तैयार किया और ओलंपिक में गईं।
इस चयन से पहले एक बार और अंतिम पंघाल का विनेश फोगाट के साथ सामना हुआ था। ये बात है एशियन गेम्स की। तब, अंतिम पंघाल को नेशनल ट्रायल जीतने के बाद भी एशियन गेम्स के लिए स्टैंड बाय पर रखा गया था। उनकी जगह विनेश फोगाट को बिना ट्रायल ही एशियन गेम्स में डायरेक्ट एंट्री दी गई थी।
इसके बाद अंतिम पंघाल हाई कोर्ट भी गईं थीं। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। बाद में विनेश फोगाट ने चोट के कारण अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद कुश्ती संघ ने अंतिम पंघाल का नाम एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा गया था।
बाद में भारत की युवा पहलवान अंतिम पंघाल ने विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। अंतिम ने दो बार की यूरोपियन चैंपियन एम्मा मालमग्रेन को हराकर यह जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही उन्होंने तभी 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा भी हासिल कर लिया था। वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय पहलवान थी।