बांग्लादेश में शनिवार को एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. प्रदर्शनकारियों ने अब ढाका में सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया और चीफ जस्टिस सहित सभी जजों को एक घंटे के भीतर इस्तीफा देने को कहा. प्रदर्शन को बढ़ता देख बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने न्यायपालिका के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया. वह शाम को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से परामर्श करने के बाद अपना इस्तीफा सौंपेंगे.
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर जज और चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन इस्तीफा नहीं देते हैं तो वे उनके आवासों पर धावा बोल देंगे. हाल ही में बांग्लादेश में हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
Protest on demanding resignation of Bangladesh Chief Justice. Ultimatum has been given to him.
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— MUKTADIR rashid ROMEO (@muktadirnewage) August 10, 2024
शनिवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी जिन्होंने बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया , उनमें अधिकतर प्रदर्शनकारी छात्र हैं और मुख्य न्यायाधीश के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
इस बात से भड़के थे प्रदर्शकारी
दरअसल यह खबर आई थी कि चीफ जस्टिस ने फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई है, जिससे प्रदर्शनकारी भड़क गए. छात्रों और वकीलों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट की ओर बढ़ने लगे. अब्दुल मुकद्दिम नामक एक प्रदर्शनकारी ने दावा किया कि मुख्य न्यायाधीश अंतरिम सरकार को अवैध घोषित करने की साजिश रच रहे हैं.
मुकद्दिम ने डेली स्टार से कहा, “फासीवादी अंतरिम सरकार को अवैध घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए हम चीफ जस्टिस को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर में आए हैं.” अंतरिम सरकार के खेल मंत्रालय के सलाहकार आसिफ महमूद ने भी “मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन के बिना शर्त इस्तीफे” और फुल कोर्ट मीटिंग को रद्द करने की मांग की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तनाव के बीच चीफ जस्टिस ने जजों की बैठक स्थगित कर दी.
क्या बोले अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार
इससे पहले अंतरिम सरकार में कानूनी सलाहकार (मंत्री) प्रोफेसर आसिफ नजरुल ने कहा कि न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा के लिए मुख्य न्यायाधीश को अपने भाग्य का फैसला करना चाहिए.उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्य न्यायाधीश को छात्र लोगों की मांगों का सम्मान करना चाहिए. प्रदर्शनकारी नेताओं की शिकायतों का जिक्र करते हुए आसिफ नजरुल ने कहा: “मैंने छात्रों की शिकायतें देखी हैं. मुख्य न्यायाधीश ने जिस तरह से फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई थी, वह पराजित निरंकुश ताकतों के पक्ष में एक कदम लग रहा था. इस पर टिप्पणी करने से पहले, मैं कुछ शब्द कहना चाहता हूं, हमारे मुख्य न्यायाधीश बहुत सम्मानित व्यक्ति हैं. हालांकि, उनके बारे में सवाल उठे थे, खासकर इस आंदोलन के दौरान.” उन्होंने कहा कि जब ओबैदुल हसन विदेश गए थे, तो वे विभिन्न अवामी लीग नेताओं के आवासों पर रुके थे. उनके बारे में कई विवाद हुए थे.
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन
इस बीच गुरुवार शाम को बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ले ली है. उन्हें राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद यूनुस ने कहा कि मैं संविधान की रक्षा करूंगा, उसका समर्थन करूंगा और उसका संरक्षण करूंगा. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में 16 लोग शामिल हैं जिनमें हसीना के विरोधी छात्र नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी हैं. दोनों ही छात्र नेता बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे थे.
भारत में रह रही हैं शेख हसीना
वहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना फिलहाल भारत में रह रही हैं लेकिन वो कहां जाएंगी, इसे लेकर असमंजस बरकरार है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वो भारत में ही रहेंगी, किसी दूसरे देश से शरण की मांग करेंगी या फिर वापस बांग्लादेश लौट जाएंगी. इस बीच उनके बेटे सजीब वाजेद ने हाल ही में कहा था कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली होते ही उनकी मां वापस वतन लौट जाएंगी.
बांग्लादेश से भागने के बाद शेख हसीना का कोई बयान सामने नहीं आया है, हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद लगातार मीडिया से बात कर रहे हैं. उन्होंने अपनी मां की सुरक्षा करने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी कृतज्ञता जताई है.साथ ही उन्होंने उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा है कि शेख हसीना ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण की मांग की है.