भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार को कहा कि पृथ्वी अवलोकन उपग्रह-8 (EOS-08) को 16 अगस्त को लांच किया जाएगा। इसे लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV)-डी3 की उड़ान के जरिये श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। पहले बताया गया था कि प्रक्षेपण 15 अगस्त को होगा। देरी का कारण नहीं बताया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि SSLV की तीसरी विकासात्मक उड़ान का प्रक्षेपण 16 अगस्त 2024 को 09:17 बजे शुरू होने वाली एक घंटे की लॉन्च विंडो में निर्धारित है। मिशन बेहद खास है। इसका उद्देश्य देश और दुनिया में आने वाली आपदाओं का अवलोकन करने के साथ ही अलर्ट देना है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि EOS-08 मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में एक माइक्रोसैटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना, माइक्रोसैटेलाइट बस के साथ संगत पेलोड उपकरण बनाना और भविष्य के परिचालन उपग्रहों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना है।
🚀SSLV-D3/EOS-08🛰️ Mission:
The launch of the third developmental flight of SSLV is scheduled for August 16, 2024, in a launch window of one hour starting at 09:17 Hrs. IST pic.twitter.com/JWxq9X6rjk
— ISRO (@isro) August 12, 2024
EOS-08 करेगा कई तरह के काम
जानकारी के मुताबिक, EOS-08 तीन पेलोड ले जाएगा। इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं। ईओआइआर पेलोड को उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी के लिए तस्वीरें खींचने के लिए डिजाइन किया गया है। बता दें, आईओआईआर पेलोड को तस्वीरें खींचने के लिए तैयार किया गया है। यह पेलोड मध्यम-वेव आईआर (MIR) और दीर्घ-वेव-आईआर (NWIR) बैंड में दिन और रात के समय तस्वीरें खींच सकता है। उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग लगने का पता लगाने, ज्वालामुखी गतिविधि अवलोकन और औद्योगिक एवं विद्युत संयंत्र आपदा निगरानी जैसे काम के लिए इस्तेमाल होगा।
वहीं GNSS-R समुद्र की सतह की हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, बाढ़ का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमता प्रदर्शित करेगा। एसआइसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा। एसआइसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा।