पेरिस ओलंपिक में 50 किलो भार वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी विनेश फोगाट को कोई पदक नहीं मिल सकेगा। उनका वजन निर्धारित मानक से 100 ग्राम अधिक निकला था, जिसकी वजह से उन्हें फाइनल मुकाबले में उतरने की अनुमति नहीं मिली थी। इस फैसले के खिलाफ विनेश फोगाट ने अपील की थी, लेकिन उनकी पहली अपील तुरंत ही खारिज हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने इसे कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में चुनौती दी थी। लेकिन अब सीएएस ने अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें विनेश फोगाट की अपील को खारिज कर दिया गया है।
इस मामले में सीएएस ने 9 अगस्त को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन 14 अगस्त को उसने अपना फैसला 1 लाइन में सुना दिया। हालाँकि इस फैसले की पूरी जानकारी अभी नहीं आई है, लेकिन पूरी जानकारी आने के बाद शायद इस फैसले को चुनौती दी जा सके।
कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज में बताया गया है कि विनेश फोगाट ने सिल्वर मेडल के लिए जो अपील दाखिल की थी, उसे खारिज कर दिया गया है। सीएएस की ओर से बताया गया, “यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) का फैसला ही मान्य है। विनेश फोगाट की अपील खारिज कर दी गई है।” इस मामले की सुनवाई ऑस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज डॉ एनाबेले बेनेट कर रही थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनल मैच से पहले हुए वजन में 100 ग्राम ज्यादा होने की वजह से उन्हें जब गोल्ड मेडल के लिए मुकाबले में जाने से अयोग्य ठहराया गया, तभी विनेश फोगाट ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, और फाइनल में उतरने की अनुमति माँगी थी, लेकिन यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने इस माँग को खारिज कर दिया था, इसके बाद विनेश की तरफ से सीएएस में अपील की गई थी।
सीएएस में की गई अपील में विनेश फोगाट की तरफ से कहा गया था कि अगर उन्हें फाइनल में नहीं खेलने दिया जा रहा है, तो उन्हें संयुक्त रूप से रजत पदक दिया जाए, क्योंकि वो पिछले मुकाबलों को निर्धारित वजन में रहकर ही जीती हैं। उन्होंने 7 अगस्त को ये अपील की थी, लेकिन 9 अगस्त तक UWW के पक्ष को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, सीएएस कोई भी फैसला करने से पहले UWW का पक्ष भी सुनना चाहती थी। हालाँकि इस फैसले को आगे चुनौती दी जा सकती है, लेकिन पूरा फैसला आगे के बाद ही इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन इस पर कोई फैसला ले पाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले की सुनवाई कर रहे 5 सदस्यीय जूरी में से 3 सदस्य इस बात के लिए सहमत थे कि विनेश फोगाट को संयुक्त रूप से रजत पदक दे दिया जाए, लेकिन आखिरी फैसला ये हुआ कि अगर विनेश फोगाट को पदक दे दिया जाएगा, तो फिर बाकी खिलाड़ियों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। ऐसे में नियमों में बदलाव किया जाए और उसे आगे के टूर्नामेंट्स में लागू किया जाए। ऐसे में विनेश फोगाट को अभी के लिए सिर्फ दिलासा ही दिया जा सकता है। इस बीच, विनेश के पिता और कोच महावीर फोगाट ने कहा है कि सारी उम्मीदें खत्म हो गई हैं, इसके बावजूद विनेश के लौटने पर उनका स्वागत गोल्ड मेडलिस्ट की तरह ही किया जाएगा।
बता दें कि विनेश ने पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल पाने के लिए एक ही दिन में 3 धुरंधर पहलवानों को पटखनी दी थी। उन्हें सिर्फ फाइनल मैच खेलना था जिसे जीतकर गोल्ड अपने नाम कर लेतीं। मगर इस मेडल मैच और विनेश के बीच वो नियम आ गया, जिसमें किसी भी खिलाड़ी को उसके तय वजन से ज्यादा होने पर बाहर कर दिया जाता है और उसे कोई मेडल नहीं दिया जाता।