प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. यह कॉन्फ्रेंस सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में आयोजित हो रही है. इस अवसर पर पीएम मोदी सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डाक टिकट और सिक्के जारी करेंगे.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. दो दिनों में छह सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें जिला न्यायपालिका से संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. वहीं, 1 सितंबर को इसके समापन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मेलन को संबोधित करेंगी. इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्म सुप्रीम कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिन्ह का अनावरण भी करेंगी.
Tomorrow, 31st August, at around 10 AM, I will inaugurate the National Conference of District Judiciary at Bharat Mandapam. During the programme, a special stamp and coin marking 75 years of the Supreme Court of India will also be unveiled. https://t.co/To16xuY2WJ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2024
इन लोगों की उद्घाटन कार्यक्रम में रहेगी मौजूदगी
सुप्रीम कोर्ट के जिला न्यायपालिका पर राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन पर केंद्रीय कानून मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल होंगे. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जज, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चीफ भी उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेंगे.
इस सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिला न्यायपालिका से 800 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे. दो दिनों के दौरान जिला न्यायपालिका से संबंधित मुद्दों जैसे कि बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन, सभी के लिए समावेशी न्यायालय, न्यायिक सुरक्षा और कल्याण, केस प्रबंधन और प्रशिक्षण पर चर्चा की जाएगी.
दो दिनों की राष्ट्रीय सम्मेलन में इन विषयों पर होगी चर्चा
सम्मेलन के पहले दिन न्यायपालिका के इंफ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन को बढ़ाने के तरीकों की खोज करना. जजों की सुरक्षा चिंताओं और कई कल्याणकारी पहलों सहित न्यायिक सुरक्षा और पर भी चर्चा की जाएगी. दूसरे दिन के सत्रों में केस हैंडलिंग और लंबित मामलों में कमी के लिए रणनीतियों पर चर्चा होगी. इसके लिए केस मैनेजमेंट पर एक सत्र आयोजित किया जाएगा. साथ ही आखिरी दिन जजों के लिए न्यायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.