योगेश कथुनिया ने सोमवार, 2 सितंबर को पेरिस पैरालिंपिक में मेंस डिस्कस थ्रो एफ-56 इवेंट में कमाल का प्रदर्शन करते हुए रजत पदक जीता है। इस तरह भारत के पदकों की संख्या अब आठ हो गई है। योगेश ने 42.22 मीटर के अपने सीजन के सबसे बेस्ट प्रदर्शन के साथ रजत पदक जीता। भारत को मेडल टैली में फायदा हुआ है।
जीता दूसरा ओलंपिक मेडल
पैरालिंपिक में योगेश का यह दूसरा रजत पदक है। उन्होंने 2021 में टोक्यो पैरालिंपिक में भी रजत पदक जीता था। 27 वर्षीय भारतीय को ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा और ब्राजील के खिलाड़ी के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें स्वर्ण पदक जीतने में मदद की।
Another medal coming for India! 🇮🇳
Yogesh Kathuniya’s stunning 4️⃣2️⃣.2️⃣2️⃣m throw is set to secure him silver at #Paris2024! 🥈#ParalympicsParis2024 #ParalympicsOnJioCinema #JioCinemaSports #Paris2024 #DiscusThrow pic.twitter.com/8ndXC8Ckjw
— JioCinema (@JioCinema) September 2, 2024
टूट गया ओलंपिक रिकॉर्ड
बतिस्ता ने 46.45 मीटर की अपनी दूसरी थ्रो के साथ सर्वकालिक पैरालिंपिक रिकॉर्ड (45.59 मीटर) को तोड़ दिया। हालांकि, वे यहीं नहीं रुके और अपने 5वें प्रयास में 46.86 मीटर तक जाकर नया पैरालिंपिक रिकॉर्ड बनाया। पेरिस में यह उपलब्धि बतिस्ता के करियर में एक और शानदार उपलब्धि है।
पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए योगेश का इंतजार जारी है। उन्होंने पहले प्रयास में अपना सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन अगले पांच प्रयासों में वे इस आंकड़े को पार नहीं कर पाए। योगेश के पिछले पांच प्रयासों में क्रमशः 41.50 मीटर, 41.55 मीटर, 40.33 मीटर, 40.89 मीटर और 39.68 मीटर की दूरी तय की गई।