उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले 2.44 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था। हालाँकि बाद में योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को थोड़ी और राहत दे दी है और सैलरी भी जारी कर दी है। इस बार जो समय दिया गया है, वो आखिरी है। बढ़ाए गए समय में भी अगर कोई कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देता है, तो उसका वेतन रोक दिया जाएगा।
फिलहाल इस महीने के लिए ऐसे सभी कर्मचारियों को राहत मिल गई है, जिन्होंने किसी न किसी वजह के चलते अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया था। इस मामले में पुलिस विभाग के मुखिया के दफ्तर से सरकार से अपील की गई थी कि पुलिस वाले तमाम परीक्षाओं, त्यौहारों के चलते व्यस्त रहे, ऐसे में इस विभाग को और समय दिया जाए, जिसके सरकार ने मान लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, योगी सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा हर हाल में 31 अगस्त 2024 तक देने के लिए कहा था। इसमें चल और अचल संपत्तियों की पूरी जानकारी दी थी। यह ब्यौरा HR पोर्टल (मानव संपदा पोर्टल) पर दिया जाना था, लेकिन राज्य के कुल 71 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था, बाकियों ने नहीं दिया था। जिसके बाद योगी सरकार ने बाकी के 2.44 लाख से ज्यादा कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था।
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग के साथ पुलिस वाले अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने में फिसड्डी साबित हुए थे। जिसके बाद मुख्य सचिव के आदेश के चलते सबके वेतन रोके गए थे। वहीं, डीजीपी मुख्यालय ने नियुक्ति विभाग को पत्र भेजकर पलिसकर्मियों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कुछ अतिरिक्त समय दिए जाने का अनुरोध किया था। पत्र में कहा गया था कि त्योहारों और पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण तमाम पुलिस कर्मी समय से अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे पाए। हालाँकि अब सरकार ने अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग समय दिया है।
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार के पास 8 लाख 46 हजार 640 कर्मचारी हैं, जिसमें से 6 लाख 2 हजार 75 कर्मचारी अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा दे चुके हैं। संपत्ति का ब्यौरा देने में टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी सबसे आगे रहे।