डीआरडीओ का एडवांस डिफेंस इस्टैब्लिशमेंट निर्भय मिसाइल प्रोग्राम पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. जमीन से लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल सिस्टम और इसके पहले वर्जन ITCM कोसफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अब DRDO निर्भय क्रूज मिसाइल के नेवी वर्जन को तेजी से डेवलप कर रहा है. इस अगले चरण में निर्भय के जहाज से लॉन्च किए गए एंटी-शिप वर्जन को विकसित किया जाएगा. जिसे आगे के विकासात्मक परीक्षणों के लिए फ्रंटलाइन युद्धपोत के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा. माना जा रहा है कि निर्भय के नेवी वर्जन का परीक्षण अगले 12 से 18 महीने में किया जा सकेगा.
भविष्य में निर्भय क्रूज मिसाइल को पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकेगा और ये भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगी.निर्भय क्रूज मिसाइल भारत की सैन्य शक्ति को और ज्यादा मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने वाला है. आइए जानते हैं इसकी खासियत क्या है.
- निर्भय क्रूज मिसाइल को पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकेगा.
- ये मिसाइल दो तरह की होती है – लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LACM) और एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (ASCM).
- मिसाइल प्रोजेक्ट 75(I) पनडुब्बियों के हथियार पैकेज का हिस्सा होगी.
- इस मिसाइल को सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियों पर टेस्ट किया जाएगा.
- ये मिसाइल आईएनएस/जीपीएस नेविगेशन और आरएफ़ सीकर के साथ टर्मिनल मार्गदर्शन की सुविधा से लैस है. इसकी रेंज को 1000 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है.
- निर्भय क्रूज मिसाइल समंदर से बेहद कम ऊंचाई पर उड़ सकती है, जिससे दुश्मन के रडार को धोखा दिया जा सकता है.साथ ही, ये मिसाइल कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है.
- ये मिसाइल 500 मीटर से लेकर 4 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है. ये मिशन की जरूरतों के मुताबिक अलग-अलग तरह के 24 हथियारों को ले जा सकती है.
समुद्री ऑपरेशन में होगा कारगर
निर्भय वेरिएंट का सफल विकास भारत को हवाई, जमीन और समुद्री हमले की क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण लंबी दूरी का हथियार प्रदान करेगा. लैंड बेस्ड वर्जन लंबी दूरी की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, जबकि जहाज-लॉन्च और एंटी-शिप वेरिएंट भारतीय नौसेना को समुद्री ऑपरेशन में रणनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से मजबूती देगा.