प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष निमंत्रण पर अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भारत आ रहे हैं. मोहम्मद बिन जायद 9 और 10 सितंबर को भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे. हमास इजरायल संघर्ष के बीच उनकी भारत यात्रा अहम मानी जा रही है. बतौर अबू धाबी के युवराज उनकी यह पहली भारत यात्रा होगी. उनके साथ यूएई सरकार के कई मंत्री और व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी होगा.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि अल नाहयान की यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के संबंधों को और मजबूत करेगी. उनकी इस यात्रा विकास के नए क्षेत्रों में साझेदारी के नये रास्ते खोलेगी.
द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लेकर मिलकर बातचीत करेंगे. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच इज़राइल-हमास संघर्ष से उत्पन्न हालात को लेकर भी विचार-विमर्श की संभावना है.
भारत और यूएई के ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. हाल के सालों में भारत और यूएई के बीच राजनीतिक, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी पहले से गहरी हुई है.
भारत में क्राउन प्रिंस के प्रोग्राम
प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता के साथ ही इस दौरान वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. अबू धाबी के प्रिंस राष्ट्रपिता गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे. दिल्ली यात्रा के बाद अल नाहयान एक बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई जाएंगे. इस फोरम में दोनों देशों के शीर्ष व्यापारिक नेता भाग लेंगे.
भारत-यूएई के बढ़ते संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त 2015 में यूएई की यात्रा की थी. तब से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ा. दोनों देशों ने सीमा पार लेनदेन के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते किए तो जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर हस्ताक्षर किए. पिछले कुछ सालों में भारत-यूएई ने रक्षा सहयोग में भी हाथ बढ़ाया है. इस साल जनवरी में प्रथम भारत-यूएई द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास डेजर्ट साइक्लोन राजस्थान में संपन्न हुआ था.