2022 में विश्व स्वास्थय संगठन ने मंकी पॉक्स को जन स्वास्थ्य आपदा घोषित किया था। तब से 116 देशों में इससे 208 मौतें हो चुकी हैं। भारत भी इस संकट से अछूता नहीं रहा है। 2022 से मार्च 2024 के बीच अब तक भारत में मंकी पॉक्स के 30 मामले आ चुके हैं।
हाल ही में मंकी पोक्स प्रभावित देश से भारत लौटे एक व्यक्ति में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखे हैं। हालांकि, अभी तक उसके संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है। संदिग्ध मरीज को लोक नायक अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है। अस्पताल में उसकी जाँच की जा रही है। फिलहाल, उसकी हालत स्थिर है।
मंत्रालय ने इस संबंध में कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है। देश में ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तैयारी है। लोक नायक अस्पताल में मंकी पॉक्स के मरीजों के लिए 20 बेड आरक्षित किये गये हैं। कुछ समय पहले भी सफदरजंग अस्पताल में दो संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया था। पर जांच के बाद दोनों में अन्य बीमारी की पुष्टि हुई है।
मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। यह जूनोटिक है यानी यह संक्रमित व्यक्ति और जानवरों से सीधे संपर्क में आने से फैलती है। इसका संक्रमण 2 से 4 सप्ताह के लिए रहता है। इसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूजे हुए लिम्फ नोड्स, शरीर पर दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इससे बचने के लिए लोगों से दूरी बना कर रखें। हाथों को साबुन से धोएं और मास्क का प्रयोग करें।