देश में ट्रेनों को निशाना बनाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बाद अब राजस्थान के अजमेर में एक ट्रेन को पलटाने की कोशिश की गई है। इसके लिए ट्रेन पटरी पर सीमेंट के ब्लॉक रखे गए। हालाँकि सावधानी के कारण हादसा टल गया।
जानकारी के अनुसार, अजमेर के मांगलियावास इलाके से गुजरने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की पटरी पर रविवार (8 सितम्बर, 2024) की रात को दो सीमेंट के ब्लॉक रखे गए। यह दोंनो सीमेंट ब्लॉक 70 किलो वजनी थे। बताया गया कि यहाँ से गुजरने वाली एक मालगाड़ी इससे टकरा गई।
इस हादसे में कोई नुकसान नहीं हुआ। मालगाड़ी का इंजन सीमेंट ब्लॉक को तोड़ते हुए आगे निकला। इसके बाद DFCCIL के कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी गई। जब कर्मचारी यहाँ जाँच के लिए पहुँचे तो उन्हें पटरी पर दो ब्लॉक मिले। पहला ब्लॉक मालगाड़ी से टकरा कर टूट गया था जबकि दूसरा ब्लॉक कुछ दूर पर रखा हुआ था।
DFCCIL के कर्मचारियों ने इस मामले में अजमेर के मांगलियावास थाने में FIR दर्ज करवाई है। पुलिस और रेलवे की टीम इस मामले की अब जाँच कर रहे हैं। राजस्थान में इससे पहले पाली में भी सीमेंट ब्लॉक रख कर ही ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई थी। यहाँ लगातार दो दिन वन्दे भारत वाले रूट पर सीमेंट ब्लॉक रखे गए थे।
कानपुर में ट्रेन जलाने की थी साजिश
कानपुर में रेलवे पटरी पर सिलेंडर रख कर कालिंदी एक्सप्रेस को रविवार पलटाने की साजिश रची गई थी। इस मामले में अब नया खुलासा हुआ है। जाँच में पटरी के पास से कई और सामान मिले हैं, इनसे पता चला है कि यहाँ पूरी ट्रेन को जलाने की साजिश थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ रेल पटरी के पास जहाँ सिलेंडर मिला है वहीं पर एक कांच की बोतल भी मिली है। यह पटरी से सटा कर रखी गई थी, इसमें पेट्रोल भरा हुआ था। यहीं पर एक झोले में बारूद रखी गई थी। प्लान था की ट्रेन जब सिलेंडर से टकराएगी तो धमाका होगा और फिर पेट्रोल में आग लगेगी।
यह आग पीछे के डिब्बों तक फ़ैलाने के लिए पटरी पर पेट्रोल भी छिड़का गया था। यह आग तेज हो इसके लिए बारूद का इंतजाम भी था। कुल मिलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की साजिश इस धमाके के जरिए की गई थी। इस मामले की जाँच अब ATS और IB के हाथों में है।
घटनास्थल पर ATS की टीम भी पहुँची है। बताया गया है कि इस घटना को 4-5 लोगों ने अंजाम दिया है। आसपास के गाँवों में भी जाँच चल रही है। इसके अलावा घटना स्थल से जिस मिठाई की दुकान का झोला मिला है, उसकी CCTV फुटेज भी निकलवाई गई है। यह कन्नौज की एक दुकान है। इसमें दो संदिग्ध दिखे हैं।
जाँच एजेंसियों की टीमें आसपास के इलाके में पड़ताल कर रही हैं। हालाँकि, अभी इस घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं मिला है। ऐसे में और भी समस्या हो रही है। यह भी बताया गया है कि जहाँ सिलेंडर रखा गया, वहाँ आसपास कोई आबादी नहीं है और भागने के कई रास्ते हैं, ऐसे में साजिश करने वाले हाइवे से निकल गए होंगे।
कानपुर और अजमेर के अलावा अलीगढ़ में इससे पहले ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई थी। यहाँ पटरी पर मोटरसाइकिल का पहिया रखा गया था। कानपुर में भी साबरमती एक्सप्रेस के रास्ते में लोहे का भारी टुकड़ा रखा गया था। इसके अलावा और भी कई हिस्सों में ऐसी ही साजिश सामने आई है।
यह घटनाएँ तब सामने आ रही हैं जब पाकिस्तानी आतंकी फरहतुल्लाह गोरी ने भारत में स्लीपर सेल से ट्रेनों को निशाना बनाने को कहा है। गोरी ने कहा है कि भारत में ट्रेनों को प्रेशर कुकर बम और बाकी तरीकों से निशाना बनाया जाए। उसने बाकी इन्फ्रा को भी निशाने पर लेने की बात कही है।