सेना के विशेष बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज कठुआ जिले में एक अभियान में तीन आतंकवादियों को मार गिराया. सूत्रों ने बताया कि आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी है. इस ऑपरेशन में सेना की 1-पैरा, 22 गढ़वाल राइफल्स और केंद्र शासित प्रदेश पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) शामिल है.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में बुधवार को दोपहर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई. अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके के खंडरा टॉप में हो रही है. एक अधिकारी ने बताया कि, “स्थानीय पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने बसंतगढ़ के खंडरा टॉप में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया. जैसे ही सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम छिपे हुए आतंकवादियों के करीब पहुंची, उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई.”
#UPDATE | Two terrorists neutralised in the ongoing operation at Khandara, Kathua by troops of Rising Star Corps. Operations in progress: Indian Army pic.twitter.com/8sALmsEGB0
— ANI (@ANI) September 11, 2024
बुधवार को ही इससे पहले जम्मू जिले के अखनूर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया था. पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय संघर्ष विराम समझौते का यह उल्लंघन जम्मू-कश्मीर में 10 साल के अंतराल के बाद होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले हुआ है.
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा था, “11 सितंबर को सीमा पार से अखनूर इलाके में गोलीबारी की घटना हुई, जिसका बीएसएफ के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. पाकिस्तानी गोलीबारी में बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया, जवान हाई अलर्ट पर हैं. सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में कड़ी निगरानी रख रहे हैं.”
गौरतलब है कि जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान तीन चरणों में होगा, जिसकी शुरुआत 18 सितंबर को होगी. चिनाब घाटी क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में फैली आठ विधानसभा सीटों के साथ-साथ कश्मीर घाटी के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 सीटों पर 18 सितंबर को पहले चरण में मतदान होने जा रहा है.
जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में 25 सितंबर और एक अक्टूबर को दूसरे और तीसरे चरण में मतदान होगा. जम्मू संभाग के पहाड़ी जिलों पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में पिछले दो महीनों के दौरान सेना, सुरक्षाबलों और नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी हमले हुए हैं. इन हमलों के बाद, सेना ने उन जिलों के घने जंगलों वाले इलाकों में एलीट पैरा कमांडो और पर्वतीय युद्ध में प्रशिक्षित 4,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है. आतंकवादी घात लगाकर हमला करने और फिर इन पहाड़ी इलाकों के जंगलों में गायब होने का तरीका अपना रहे हैं.