दिल्ली में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम का अंत हो गया है। मंगलवार (17 सितम्बर, 2024) को AAP विधायक आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। यह फैसला दिल्ली CM अरविन्द केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद सामने आया है। आतिशी के नाम का ऐलान AAP सरकार में मंत्री गोपाल राय ने किया है।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी @AtishiAAP जी 🙏💯
विधायक दल की बैठक में आतिशी जी के नाम पर लगी मुहर pic.twitter.com/zRAF4hUNyY
— AAP (@AamAadmiParty) September 17, 2024
मंगलवार को गोपाल राय ने बताया, “विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ है कि जब तक अगला चुनाव नहीं होता तब तक आतिशी जी को दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभानी होगी।” गोपाल राय ने यह भी कहा कि वह दिल्ली में अक्टूबर-नवम्बर तक चुनाव की माँग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक अगले चुनाव में AAP को प्रचंड बहुमत नहीं मिलता और केजरीवाल CM नहीं बनते तब तक आतिशी मुख्यमंत्री बनी रहेंगी।
#WATCH | Delhi minister and AAP leader Gopal Rai says, "When he (Arvind Kejriwal) decided to resign, legislative party meeting was held today. In the meeting it was unanimously decided that until the next elections, that we want to be held in October-Novemver at the earliest, and… pic.twitter.com/qACNd6YDDD
— ANI (@ANI) September 17, 2024
आतिशी के दिल्ली CM बनने के बाद उनकी ही पार्टी से काफी कड़ी प्रतिक्रिया आई है। AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने इसे दिल्ली के लिए दुखद बताया है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फाँसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी। उनके माता पिता ने आतंकी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी।
दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी।
उनके माता पिता ने आतंकी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी।
उनके हिसाब से… pic.twitter.com/SbllONqVP0
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) September 17, 2024
स्वाति मालीवाल ने आगे लिखा, “उनके हिसाब से अफ़ज़ल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साज़िश के तहत फँसाया गया था। वैसे तो आतिशी मार्लेना सिर्फ़ ‘Dummy CM’ है, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भगवान दिल्ली की रक्षा करे!”
आतिशी अभी तक केजरीवाल सरकार में शिक्षा, महिला और बाल कल्याण, PWD, टूरिज्म समेत पाँच मंत्रालय संभालती थीं। वह 2020 में पहली बार विधायक बनी थीं। उनके माता-पिता दोनों कम्युनिस्ट हैं। आतिशी CM केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद फ्रंट पर थीं। अब उन्हें दिल्ली का CM अरविन्द केजरीवाल ने बनाया है। हालाँकि, ऐसा नहीं है कि आतिशी का विवादों से कोई लेनादेना ना हो। उन पर शराब घोटाले में शामिल होने से लेकर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था बर्बाद करने और विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने के आरोप लगे हैं।
शराब घोटाले में केजरीवाल ने ही लिया नाम
दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अप्रैल, 2024 में कोर्ट को बताया था कि CM केजरीवाल ने आतिशी का नाम लिया है। ED ने बताया था कि मामले में पहले आरोपित और बाद में सरकारी गवाह बना विजय नायर केजरीवाल नहीं बल्कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था। नायर पर इस मामले में पैसे की लेनदेन मुख्य तौर पर शामिल होने के आरोप हैं। आतिशी ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ED उन्हें और बाकी तीन लोगों को गिरफ्तार करना चाहती है।
घोटाले के दौरान गोवा की इंचार्ज थीं आतिशी: रिपोर्ट
एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया था आतिशी उस दौरान गोवा की आम आदमी पार्टी प्रभारी थीं जब यहाँ शराब घोटाले से उगाही किया गया पैसा उपयोग में लाया गया था। यह दावा ED की कार्रवाई के आधार पर किया था। मिले पत्र के अनुसार, 13 फरवरी 2022 को आतिशी मार्लेना ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने खुद को गोवा चुनावों के लिए पार्टी का प्रभारी बताया था।
गोवा में चुनाव 14 फरवरी 2022 को समाप्त हो गए थे, इसका मतलब है कि तब भी वही प्रभारी थीं। पत्रकार ने कहा था कि अगर अरविंद केजरीवाल को दक्षिण भारतीय शराब लॉबी से रिश्वत की रकम लेने और उसका दुरुपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है, तो निश्चित रूप से आतिशी मार्लेना के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं।
विदेशों में भारत की छवि की धूमिल
आतिशी पर शराब घोटाले में शामिल होने के ही नहीं बल्कि यह भी तोहमत है कि उन्होंने विदेशी धरती पर भारत की छवि को धूमिल किया। आतिशी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा भारत विरोधी ‘100 पर भारत: टुवर्ड्स बीइंग ए ग्लोबल लीडर’ आयोजन में गुरुवार (15 जून 2023) को शामिल हुईं थी।
यहाँ उन्होंने कहा था, “हमें अक्सर बताया जाता है कि भारत की जीडीपी अब 3 ट्रिलियन डॉलर के आँकड़े को पार कर गई है। हमें बताया गया है कि भारत सबसे तेज़ G20 अर्थव्यवस्था है और ऐसी कई अन्य जानकारी दी गईं। हालाँकि, वास्तविकता उससे कहीं अधिक चिंताजनक और कमतर है।”
उन्होंने आगे कहा था, “मुझे लगता है कि एक बेहतर संकेतक, जो वास्तव में आपको देश की स्थिति के बारे में बताता है, वह मानव विकास सूचकांक है… कुछ संकेतक हैं जिनमें 190 देश भाग लेते हैं। भारत 191 में से 132वें स्थान पर है। यह 75वें साल का भारत है।” उन्होंने यहाँ प्रोपेगेंडा के आधार पर बनाई गई ग्लोबल हंगर इंडेक्स का जिक्र भी किया था।
दिल्ली की शिक्षा को बर्बाद करने के भी आरोप
आतिशी दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री और विधायक बनने से पहले सलाहकार थीं। वह सलाहकार के तौर पर शिक्षा विभाग ही देखती थीं। उनको लेकर यह प्रोपेगेंडा चलाया गया कि उनके कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। सच्चाई इससे कोसों दूर है।
दक्षिण दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति के की सदस्य नंदिनी शर्मा के अनुसार, “सरकारी स्कूलों के आधुनिकीकरण के बारे में तमाम शोर-शराबे के बावजूद मनीष सिसोदिया और उनकी सलाहकार आतिशी मार्लेना की AAP सरकार ने ना केवल दिल्ली में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बदलने का मौका गंवा दिया, बल्कि इन दोनों ने राष्ट्रीय राजधानी में पहले से ही बदहाल शिक्षा व्यवस्था को और भी बदतर बना दिया।”
एक रिपोर्ट में बताया गया था कि AAP के ‘मॉडल स्कूल’ प्रोजेक्ट में गंभीर अनियमितताओं के कारण 250 करोड़ रुपये बरबाद हो गए। आप ने 54 सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल में बदलने की शुरुआत की थी और इन स्कूलों के सौंदर्यीकरण का काम दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (DTDC) को सौंपा था। हालाँकि, महज 3 साल बाद ही हाल ही में बनकर तैयार हुए कुछ स्कूलों की दीवारों में दरारें आ गईं। आतिशी के कार्यकाल में दिल्ली किताबों और शिक्षकों की भी कमी हो गई थी।
माता-पिता ने किया था अफजल गुरु को बचाने का प्रयास
दिलचस्प बात यह है कि आतिशी के माता-पिता विजय कुमार सिंह और तृप्ता वाही कट्टर कम्युनिस्ट हैं। आतिशी के माता-पिता उन ‘प्रतिष्ठित’ हस्तियों के समूह से हैं, जिन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अफजल गुरु की मौत की सजा के खिलाफ भारत के राष्ट्रपति को दया याचिका लिखी थी। तृप्ता वाही भारत विरोधी और आतंकवादियों के हमदर्द के कुख्यात चेहरों में से एक एसएआर गिलानी से भी जुड़ी हुई हैं। हालाँकि, आतिशी ने कहा था कि वह अपने माँ-बाप की राजनीति के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।