भारत के वायु वीर तेजस ने चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. भारत के इस फाइटर जेट के नए अवतार के आने की खबर सुनकर चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों को सांप सूंघ गया है. वजह है भारतीय वायुसेना की नई ताकत और नई बुलंदी और इंडियन एयरफोर्स की नई उड़ान. कहा जा रहा है कि भारतीय वायुसेना का ये नया वायुवीर चीन के लड़ाकू विमानों के बाजार की दुर्गति कर देगा. स्वदेशी तेजस के नए अवतार के आने से चीन की अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा धक्का लग सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तेजस का अपग्रेडेड वर्जन MK-1A भारतीय वायुसेना को अक्टूबर अंत तक मिल सकता है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL भारतीय वायुसेना को पहला लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस MK-1A देने जा रहा है. इंडियन एयरफोर्स ने 83 तेजस MK-1A का ऑर्डर HAL को दिया था. इसके लिए 48 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है.
भारत का स्वदेशी घातक हथियार है
तेजस फाइटर जेट भारतीय वायुसेना का स्वदेशी घातक हथियार है. भारतीय वायुसेना का तेजस अब और अधिक घातक और ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा मारक हथियारों से लैस हो गया है. ये हल्का होने की वजह से एयर फोर्स का काफी कारगर लड़ाकू विमान है. स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस MK-1A की पहली उड़ान मार्च में हो चुकी है. तब से अब तक इसके इंटीग्रेशन ट्रायल्स चल रहे हैं. अलग-अलग यंत्रों और हथियारों को लगाकर उसकी टेस्टिंग हो रही है.
वायुसेना को सौंपने से पहले तेजस मार्क 1-A को कई कठिन कसौटियों से गुजारा जा रहा है. युद्ध के वक्त कठिन से कठिन वक्त में, खराब मौसम में और दुश्मनों से घिरा होने पर तेजस कैसे ऑपरेशन में अजेय बना रहेगा. इसका बारीकी से परीक्षण किया जा रहा था.
1A का प्रदर्शन शानदार रहा
डिफेंस एक्सपर्ट एयर मार्शल (रिटा.) राजेश कुमार ने कहा कि अब तक हुए हर परीक्षण में तेजस का नया वर्जन हर कसौटी पर खरा उतरा है. हर कठिन परीक्षा में तेजस मार्क 1A का प्रदर्शन शानदार रहा है. इसलिए HAL ने घोषणा की है कि मार्क 1-A फाइटर जेट अक्टूबर के अंत तक भारतीय वायुसेना को सौंप दिया जाएगा.
यह फाइटर जेट दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हल्का लड़ाकू विमान है. इसके भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद बॉर्डर पर पाकिस्तान किसी भी तरह की हिमाकत नहीं कर सकता. नए तेजस के साथ राजस्थान के जोधपुर में तीसरा स्क्वाड्रन बनाया जाएगा.
हर तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है
- तेजस मार्क-1A फाइटर जेट में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर यानी DFCC लगाया गया है.
- DFCC का मतलब है फाइटर जेट से मैन्यूअल फ्लाइट कंट्रोल्स हटाकर इलेक्ट्रॉनिक इंटरफेस लगाना.
- तेजस मार्क 1A का कंप्यूटर, फाइटर जेट ऑटोपायलट मोड पर उड़ाते वक्त भी उसे पायलट के मुताबिक संतुलित रखेगा.
- फ्लाई बाय वायर फाइटर जेट को स्टेबलाइज करता है.
- इस सिस्टम से रडार, एलिवेटर, एलिरॉन, फ्लैप्स और इंजन का नियंत्रण इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है.
- DFCC से तेजस मार्क-1A दुनिया के सबसे सुरक्षित फायटर जेट्स की टॉप लिस्ट में शामिल हो गया है.
फाइटर की क्या है खासियत?
- तेजस 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है.
- तेजस मार्क 1A की टॉप स्पीड 2205 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा है.
- इसकी कॉम्बैट रेंज 739 किलोमीटर है.
- इसकी फेरी रेंज 3 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा है.
- तेजस मार्क 1A फाइटर डेट 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.
- इसमें 9 हार्ड प्वाइंट्स हैं, यानी वो जगह जहां अलग अलग रॉकेट, मिसाइलें या बम लगाए जा सकते हैं.
- तेजस मार्क 1A में 6 तरह की मिसाइलें फिट की जा सकती हैं.
वायुसेना की ताकत में होगा जबरदस्त
तेजस मार्क 1A के आने से वायुसेना की शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा. उसके बाद धीरे-धीरे पुराने हो चले मिग सीरीज के एयरक्राफ्ट्स को हटा दिया जाएगा. नए संस्करण के तेजस MK-1A में डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर के अलावा भी कुछ चीजें बदली गई हैं. नया तेजस पिछले वेरिएंट से थोड़ा हलका है. इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूईट, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर और नए रडार वॉर्निंग रिसीवर लगाए गए हैं.