दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है, उनकी जगह अब आतिशी मार्लेना को नया CM चुना गया है। आतिशी 2020 में कालकाजी से पहली बार विधायक चुनी गई थीं। हालाँकि, वो AAP में इसके गठन के समय से ही सक्रिय रही हैं। पंजाबी तोमर राजपूत परिवार से आने वाली आतिशी के नाम में मार्क्स और लेनिन से प्रभावित होकर ‘मार्लेना’ जोड़ा गया था। उन्होंने दिल्ली स्थित सेंट स्टीफेंस कॉलेज और लंदन स्थित ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
दिल्ली की राजनीति में अचानक हुए इस बदलाव के पीछे शराब घोटाला है। इसी शराब घोटाले के कारण मनीष सिसोदिया जेल गए और उनका उप-मुख्यमंत्री का पद भी गया। उनकी जगह ही आतिशी को मंत्री बनाया गया था। अब अरविंद केजरीवाल ने भी विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले इस्तीफा देकर सहानुभूति वोट की चाहत में अपनी राजनीति चाल चली है। आतिशी को इससे पहले शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, संस्कृति, पर्यटन और PWD जैसे बड़े विभाग दिए गए थे।
आतिशी के जीजा चलाते थे ‘India Ahead News’ चैनल
जब आतिशी को दिल्ली में मंत्री बनाया गया था, तब दिल्ली भाजपा के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा ने ‘X’ पर एक पोस्ट के जरिए बताया था कि आतिशी की बहन रोजा बसंती की शादी पत्रकार भूपेंद्र चौबे से हुई है, जो ‘इंडिया अहेड न्यूज़’ में बड़े पद पर थे, चैनल का सारा काम वही देख रहे थे। बकौल कपिल मिश्रा, आतिशी के जीजा वाले इस चैनल को हवाला के माध्यम से शराब घोटाले का 17 करोड़ रुपया पहुँचाया गया। उन्होंने AAP के नेताओं द्वारा खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ बताए जाने पर निशाना साधा था।
शराब घोटाले में जेल गए मनीष सिसोदिया
सिसोदिया की जगह मंत्री बनी आतिशी
आतिशी की बहन है रोज़ा बसंती
रोज़ा बसंती के पति यानी आतिशी के जीजा है भूपेन्द्र चौबे
भूपेन्द्र चौबे इंडिया अहेड चैनल के मालिक
इंडिया अहेड चैनल को शराब घोटाले के 17 करोड़ रुपये मिले हवाला के माध्यम से
अब…
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 17, 2023
‘India Ahead News’ चैनल में कमर्शियल हेड के रूप में तैनात रहे अरविंद कुमार सिंह को CBI ने शराब घोटाले में गिरफ्तार भी किया था। जून 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक हवाला के जरिए हुए पैसों के लेनदेन में उन्हें जाँच एजेंसी ने शामिल बताया था। अरविंद कुमार सिंह चैनल में प्रोडक्शन कंट्रोलर भी थे। गोवा में AAP का चुनाव प्रचार देख रही कंपनी ‘Chariot Media’ के खाते में 17 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
CBI ने आरोप लगाया था कि हवाला नेटवर्क के जरिए ये पैसे भेजे गए थे। 14 फरवरी, 2022 को गोवा में विधानसभा चुनाव हुए थे। दिल्ली के शराब घोटाले में हुआ ये था कि एक नई शराब नीति बना कर ‘साउथ लॉबी’ यानी, दक्षिण भारत की कुछ शराब कंपनियों को फायदा पहुँचाया गया और बदले में करोड़ों रुपए की घूस ली गई। इस मामले में AAP के करीबी दलाल विजय नायर और हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोनीपल्ली के अलावा तेलंगाना के CM रहे KCR की बेटी कविता को भी गिरफ्तार किया गया था।
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी इस मामले में जेल जा चुके हैं, जिनमें कारोबारी दिनेश अरोड़ा से 2 करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप है। दिनेश अरोड़ा आरोपित से अब अप्रूवर बन चुका है। AAP को मिली घूस की रकम 100 करोड़ रुपए बताई गई थी। कविता के करीबी अरुण पिल्लई ने ‘साउथ लॉबी’ की तरफ से बैठकों में हिस्सा लिया था। वहीं Indospirit के मालिक समीर महेन्द्रू ने भी घूस में करोड़ों रुपए दिए थे। इस पूरे खेल में कोरोना के दौरान नुकसान दिल्ली की जनता का हुआ, अरविंद केजरीवाल अपने आवास ‘शीशमहल’ को सुख-सुविधाओं से लैस करने में व्यस्त रहे।
कर्मचारियों को वेतन नहीं, शराब घोटाला सामने आते चैनल बंद
ऐसे में ‘India Ahead News’ चैनल से AAP नेता आतिशी का कनेक्शन और फिर इसका हवाला के जरिए AAP के लिए काम कर रही कंपनी को करोड़ों रुपए देना केवल संयोग तो हो नहीं सकता है। बड़ी बात कि ये चैनल 2023 की शुरुआत तक ठप्प भी हो गया। ऊपर से कई कर्मचारियों को कई महीनों का वेतन नहीं दिया गया सो अलग। रिद्धिमा केडिया और आकांक्षा वर्मा सहित अन्य पत्रकारों ने इसका खुलासा किया गया। कई रिपोर्टरों और एंकरों को सैलरी नहीं दी गई।
तब इस कंपनी के एडिटर-इन-चीफ रहे भूपेंद्र चौबे ने कहा था कि चैनल के मालिक अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सबको वेतन मिल जाए। वो ये भूल गए कि कर्मचारियों को ‘कोशिश’ नहीं, तय समय पर खाते में उनकी मेहनत के बदले पैसा चाहिए होता है। वैसे ये बात सुप्रीम कोर्ट में भी कई बार बताई जा चुकी है कि AAP ने शराब घोटाले से मिले पैसे गोवा चुनाव में खर्च किए। इसके सबूत के रूप में WhatsApp चैट्स भी पेश किए गए थे। पार्टी को इस चुनाव में महज 2 सीटें ही मिली थीं।
आतिशी मार्लेना अपने जीजा के चैनल के हवाला कारोबार में संलिप्त रहने से इनकार करती रही हैं। हालाँकि, वो इस बात का जवाब नहीं दे पाईं कि शराब घोटाले का खुलासा होते ही अचानक से ये चैनल बंद क्यों हो गया और कर्मचारियों का वेतन क्यों रुक गया? सिर्फ अरविंद कुमार सिंह ही नहीं, बल्कि IAN चैनल और इसकी पैरेंट कंपनी ‘आंध्र प्रभा’ से जुड़े 3 लोग जाँच एजेंसियों के निशाने पर थे। अक्टूबर 2022 में ‘इंडिया अहेड न्यूज़’ के मैनेजिंग डायरेक्टर मूठा गौतम से भी ED द्वारा पूछताछ हुई थी।
इसी चैनल के एक अन्य अधिकारी अर्जुन पांडेय का नाम भी शराब घोटाले की FIR में शामिल है। अर्जुन पांडेय न्यूज़ चैनल के सेल्स एवं मार्केटिंग विभाग का प्रमुख था। आरोप है कि उसने 4 करोड़ रुपए विजय नायर की तरफ से समीर महेन्द्रू से लिए। तब भूपेंद्र चौबे ने कहा था कि अर्जुन पांडेय सिर्फ कंसल्टेंट था और इस्तीफा दे चुका है। ‘आंध्र प्रभा’ के बारे में बता दें कि इसकी स्थापना ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के संस्थापक रामनाथ गोयनका ने ही की थी। काकीनाडा के 4 बार विधायक रहे मूठा गोपालकृष्ण अब इसके मालिक हैं।
2019 में भूपेंद्र चौबे खुल कर AAP के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट्स करते थे। उस समय उनकी साली आतिशी को ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया था। हालाँकि, वो तीसरे नंबर पर रही थीं। भूपेंद्र चौबे की पत्नी रोजा बसंती, आतिशी मार्लेना की बड़ी बहन हैं। उसी चुनाव में उम्मीदवार बनने के बाद आतिशी ने अपने नाम से ‘मार्लेना’ सरनेम हटा लिया था। उनके पिता का नाम विजय सिंह और माँ का नाम तृप्ता वाही है। दोनों DU में प्रोफेसर हैं।
इन दोनों ने दिल्ली स्थित संसद भवन पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु का भी बचाव किया था और उसकी फाँसी का विरोध भी किया था। आतिशी AAP की पॉलिटिकल एक्शन कमिटी की सदस्य हैं, साथ ही मनीष सिसोदिया के उप-मुख्यमंत्रित्व काल में उनकी सलाहकार रहीं। AAP दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में अमूल-चूल परिवर्तन का दावा करती है और इसका श्रेय भी आतिशी को देती है। आतिशी के समर्थन में भूपेंद्र चौबे ने रिट्वीटस भी किए थे और उन्हें चुनने की सलाह दी थी।
AAP के सामने गायब हो जाती है भूपेंद्र चौबे की पत्रकारिता
आतिशी के खिलाफ जब पर्चे बाँटे गए थे (आरोप लगा कि ये AAP ने ही विरोधियों को फँसाने के लिए कराया है), तब भूपेंद्र चौबे ने अपनी एक साइड चुन ली थी और अपनी साली का बचाव किया था। तब गौतम गंभीर, जो ईस्ट दिल्ली से जीत कर सांसद बने, उन्होंने कहा था कि अगर ये साबित हो गया कि ये पर्चे उन्होंने बँटवाए हैं तो वो अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे। भूपेंद्र चौबे पहले एक संतुलित पत्रकार माने जाते थे, लेकिन इस काण्ड के बाद से लोगों का उन पर से भरोसा जाता रहा।
वैसे भूपेंद्र चौबे पहले भी पीएम मोदी के विरोध में लिखते रहे हैं। फरवरी 2015 में उन्होंने लिखा था कि दिल्ली कोई गुजरात नहीं है, इसीलिए नरेंद्र मोदी को निरंकुश राजनीति छोड़नी होगी, अगर वो मीडिया को ‘बाजारू’ बताएँगे तो ज़्यादा आगे नहीं जाएँगे। अभी मोदी कहाँ हैं, ये किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है। वहीं जब मार्च 2014 में अरविंद केजरीवाल ने मीडिया पर हमला बोला था तब उन्होंने इतना कड़ा रुख नहीं अपनाया था। कारण – साली आतिशी AAP का हिस्सा हैं।