साल 2024 में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को परास्त करने के लिए की जा रही विपक्षी दलों की एकता का हाल यह है कि जैसे घर से निकलते ही बिल्ली रास्ता काट जाए। पंजाब कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आम आदमी पार्टी के साथ नहीं चल सकती।
पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रताप सिंह बाजवा, हरीश चौधरी, नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के सामने अपनी बात रखी। हालांकि बैठक के बाद पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इस मुद्दे पर उन्हें जो कुछ भी कहना था, उन्होंने पार्टी नेतृत्व को बता दिया है।
गौरतलब है कि गत 20 मई को केंद्र सरकार ने दिल्ली में अफसरों की नियुक्ति व स्थानांतरण को लेकर अध्यादेश जारी किया था। केजरीवाल इसका विरोध कर रहे हैं। अध्यादेश का विरोध करने के लिए उन्होंने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैठक के दौरान आप को समर्थन देने के मामले पर पंजाब कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली के कांग्रेस नेताओं का भी समर्थन मिला। दोनों राज्यों के नेताओं ने हाईकमान से कहा कि कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप का समर्थन नहीं करना चाहिए। दिल्ली के नेताओं ने भी यही कहा कि दिल्ली में आप के साथ कोई गठबंधन न किया जाए। हालांकि अपनी बात रखने के बाद पंजाब और दिल्ली के नेताओं ने यह भी साफ कर दिया कि अंतिम फैसला हाईकमान ही लेगा।
इस बैठक से पहले अजय माकन, संदीप दीक्षित, प्रताप बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता पहले कह चुके हैं कि पार्टी को आप का समर्थन नहीं करना चाहिए। गौरतलब है कि इस अध्यादेश के विरोध में खडग़े और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल आप का साथ देने की बात कह चुके हैं। वेणुगोपाल के इस बयान के बाद ही दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने बैठक की। बताया जाता है कि दिल्ली के कांग्रेस नेता जहां आप सरकार की शराब नीति के केसों में आप के मंत्रियों पर केस दर्ज होने का हवाला देते हुए समर्थन का विरोध कर रहे हैं वहीं पंजाब कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पंजाब में आप सरकार कांग्रेस के नेताओं पर झूठे केस दर्ज कर उन्हें परेशान कर रही है। ऐसे में उनके साथ कैसे चल सकते हैं?
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि जहां वैचारिक मतभेद हैं, वहां गठबंधन नहीं हो सकता। नवजोत सिद्धू सोमवार को पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचे थे। बैठक के बाद सिद्धू से जब राज्य में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आप के साथ गठबंधन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, अगर वैचारिक मतभेद हैं तो गठबंधन नहीं बनाया जा सकता है। सिद्धू ने कहा कि – और मैं इसके बारे में स्पष्ट हूं क्योंकि मेरी लड़ाई सच्चाई के लिए है और मैं इसका पालन कर रहा हूं और मैं नैतिक मूल्यों से समझौता नहीं करता हूं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का एकसाथ आना लगभग असंभव है क्योंकि इससे दोनों दलों को कोई लाभ मिलने वाला नहीं। आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को रौंद कर ही सत्ता के सिंहासन पर चढ़ी है और देश में कांग्रेस के हिस्से पर ही कब्जा करती है। देश में कहीं भी आम आदमी पार्टी लड़ती है तो इसका भाजपा को कोई असर नहीं पड़ता, जबकि कांग्रेस नुक्सान झेलती है। दोनों का घटना व बढ़ना एक दूसरे दल पर निर्भर है, इसलिए दोनों दलों का एक मंच पर आना लगभग असंभव है।