फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF ) ने जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के काम की सराहना की. एफएटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि साल 2018 से 2023 के बीच केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएमएलए के तहत 16537 करोड़ रुपये की जब्ती की. खास बात ये है कि विजय माल्या द्वारा बैंको के समूह से धोखाधडी से अर्जित करीब 14 हजार करोड़ रुपये वापस बैंको को दिलवाये गये.
साथ ही, रिपोर्ट मे कहा गया है कि ईडी ने पीएमएलए के अलावा क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन और हवाला कारोबार पर नकेल कसने के लिए सराहनीय कदम उठाए. एनआईए के साथ मिलकर ईडी ने देश मे आतंकी फंडिंग पर भी कड़े एक्शन लिये.
बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट और इनकम टैक्स एक्ट के तहत भी ईडी ने कई बड़ी कार्रवाई की और fugitive Economic offenders Act के तहत कई आरोपियों की संपत्ति कुर्क की.
साइबर अपराध से जुड़े मामलों में भी ED ने कई बड़े अपराधिक नेक्सस का खुलासा किया. G20 देशों में भारत को इन उपलब्धियों के लिए चौथे स्थान पर रखा गया. एफएटीएफ ने अपनी रेपोर्ट में चार केस का भी जिक्र किया जिनकी जांच ईडी कर रही है.
इन बड़े मामलों पर ईडी का एक्शन
पहला मंगलुरु ब्लास्ट, जिसमें ईडी ने इस केस में फाइनेंशियल ट्रेल को ट्रैक किया. जांच में सामने आया कि आठ अलग-अलग विजुअल असेट ट्रांसफर (क्रिप्टो करेंसी) के जरिये टेरर फंडिंग की गयी.
दूसरा मामला प्रतिबंधित संगठन PFI की फंडिंग जांच से जुड़ा है. जांच में सामने आया कि PFI का कनेक्शन ISIL से है. मनी ट्रेल की जांच में तीन सौ बैंक अकॉउंट का खुलासा हुआ, जोकि फंडिंग के लिए ग्यारह बैंको की अलग-अलग 22 शाखाओं में खोले गये थे. ED द्वारा जांच में इस मनी ट्रेल के खुलासे के बाद ना सिर्फ PFI से जुड़े कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी की गयी बल्कि संगठन पर पांच सालों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया.
विजय माल्या केस में दिलवाये 14 हजार करोड़ वापस
तीसरा विजय माल्या केस- माल्या अभी विदेश मे मौजूद है, हालांकि कि उसके भारत प्रत्यार्पण का रास्ता साल 2019 में साफ हो गया था, लेकिन UK में कोर्ट मे चल रही कानूनी परिक्रिया में देरी की वजह से ये मुमकिन नहीं हो पाया. इस मामले में जांच एजेंसी ने करीब 14 हजार करोड़ रुपये वापस बैंको को दिलवाये थे.
चौथा केस कश्मीर में टेरर फंडिंग से जुड़ा है. NIA ने साल 2017 मे लश्कर, जेश ए मोहम्मद, हिज़बुल मुजाहिद्दीन और आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के खिलाफ जो FIR दर्ज की गयी थी, उसमें ईडी ने भी अपनी अलग ECIR दर्ज कर टेरर फंडिंग की मनी ट्रेल का खुलासा किया था, जिसके बाद साल 2022 में यासीन मलिक की गिरफ्तारी हुई.