उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में धर्मांतरण से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक हिन्दू दंपति को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस घटना में ससुराल के सदस्यों द्वारा ईसाई बनने के लिए दबाव बनाने और धमकाने का आरोप है। घटना में शामिल लोगों द्वारा हिन्दू दंपति की न सिर्फ पिटाई की जा रही है, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस ने रविवार (22 सितंबर 2024) को केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।
यह मामला गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके का है, जहाँ संगीता नाम की एक महिला ने अपने ससुरालवालों पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। संगीता का आरोप है कि उसके जेठ के परिवार ने पहले ही ईसाई धर्म अपना लिया है और अब उसी पर भी इस धर्म को अपनाने का दबाव डाला जा रहा है।
पीड़िता संगीता के अनुसार, उसके जेठ टीटू ने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कुछ साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। वह परिवार को लेकर नोएडा के सालारपुर में रहने लगे थे। टीटू की ईसाई धर्म में दीक्षित होने के बाद, उसके माता-पिता यानी संगीता के सास और ससुर ने भी ईसाई धर्म अपना लिया। लेकिन संगीता और उसके पति अजीत ने इस धर्मांतरण का विरोध किया और हिन्दू धर्म में बने रहने का निर्णय लिया।
टीटू की मौत के बाद भी धर्मांतरण का यह सिलसिला जारी रहा। टीटू का बेटा आशु, जो नोएडा में रहता है, अक्सर गाजियाबाद में संगीता के घर आता है। पीड़िता का आरोप है कि आशु अपने साथ ईसाई पादरियों को भी लाता है, जो संगीता और अजीत पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव डालते हैं। जब दंपति धर्मांतरण से इनकार करते हैं, तो आशु, उसके दादा किशनपाल और दादी अशर्फी उनके साथ बेरहमी से मारपीट करते हैं।
संगीता ने आरोप लगाया कि बार-बार धर्मांतरण से इनकार करने पर उसके और उसके पति के साथ लगातार मारपीट की जाती है। इन हिंसक घटनाओं के कारण उनके 2 छोटे बच्चे भी भयभीत हैं और डर के साए में जी रहे हैं। इसके अलावा, पीड़िता का कहना है कि उसे और उसके पति को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इस डर और अत्याचार के कारण संगीता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और ससुरालवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है।
इस गंभीर मामले की शिकायत मिलने के बाद, स्थानीय पुलिस ने तुरंत संज्ञान लिया और एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने पीड़िता के जेठ के बेटे आशु, सास अशर्फी, और ससुर किशनपाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (2) और 351 (3) के साथ-साथ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के सेक्शन 3/5 (1) के तहत मामला दर्ज किया है।
एफआईआर के मुताबिक, इन आरोपितों ने पीड़िता और उसके परिवार पर जबरन धर्मांतरण का दबाव बनाया और इनकार करने पर उनके साथ हिंसा की। जिसमें साफ तौर पर इन आरोपियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए हैं।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने घटना की जाँच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रहे हैं। इस बीच, पीड़िता ने भविष्य में किसी भी अनहोनी की आशंका जाहिर की है और अपनी सुरक्षा के लिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
धर्मांतरण विरोधी अधिनियम के तहत यह मामला न सिर्फ धार्मिक आस्था पर हमला है, बल्कि एक परिवार की स्वायत्तता और आत्मसम्मान पर भी चोट है। उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत आरोपितों को कठोर सजा का प्रावधान है। यह अधिनियम ऐसे मामलों में विशेष प्रावधानों के साथ कार्रवाई करने की अनुमति देता है, जहाँ जबरन या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है।