भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत रूस और यूक्रेन दोनों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि देखा जा सके कि क्या भारत संघर्ष को समाप्त करने में कोई भूमिका निभा सकता है और दोनों देशों के बीच गंभीर वार्ता शुरू हो सकती है. जयशंकर ने यह बयान मंगलवार को एशिया सोसाइटी और एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित भारत, एशिया और विश्व कार्यक्रम में दिया. उन्होंनें कहा, “हमारा मानना है कि युद्ध किसी विवाद को सुलझाने का तरीका नहीं है. हमें नहीं लगता कि युद्ध के मैदान से कोई समाधान निकलेगा.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत किसी शांति योजना का प्रस्ताव नहीं दे रहा है, बल्कि बातचीत कर रहा है और संबंधित पक्षों के साथ विचार साझा कर रहा है. विदेश मंत्री ने कहा, “हमें लगता है कि किसी बिंदु पर बातचीत अवश्य होगी, और ऐसी बातचीत में सभी पक्षों की भागीदारी आवश्यक होगी. यह एकतरफा बातचीत नहीं हो सकती.”
मॉस्को और कीव में हुई कई बैठकें
इस दौरान उन्होंनें बताया कि भारत मॉस्को और कीव दोनों के साथ बातचीत कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि क्या भारत संघर्ष के शीघ्र समाधान के लिए कुछ कर सकता है. जयशंकर ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में भारत के लीडरशिप में मॉस्को और कीव के साथ कई बैठके की हैं, जिनमें से एक बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हाल ही में न्यूयॉर्क में हुई थी. पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की यह बैठक तीन महीने में तीसरी बार हुई है. वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की थी.
On September 24, Moscow hosted the 2nd meeting of Russia-India Working Group on roads & intelligent transport systems: Russian Embassy in India
(Pics: Russian Embassy in India/X) pic.twitter.com/2eSgPmH0PA
— ANI (@ANI) September 26, 2024
भारत निभाएगा अहम भूमिका
जयशंकर ने कहा, “यदि यह बातचीत उपयोगी होती है, और हम कुछ कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि हम योगदान देने में सक्षम होंगे, क्योंकि बहुत से देश ऐसे नहीं हैं जो एक ही समय में मॉस्को और कीव दोनों के साथ बातचीत कर सकें.” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर व्यापक भावना यही है कि संघर्ष का शीघ्र अंत होना चाहिए, क्योंकि इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
वहीं रूस के साथ भारत के संबंधों पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव के चलते रूस एशिया की ओर अधिक ध्यान दे रहा है, जिससे भारत और रूस के बीच आर्थिक परिपूरकताएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंधों के लिए भू-राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक आधार है. जयशंकर ने यह भी कहा कि अमेरिका और यूरोप के साथ भारत के बढ़ते संबंधों के बावजूद यह एक बहुध्रुवीय दुनिया है, जहां विभिन्न ध्रुवों के बीच बातचीत सामान्य हो गई है. उन्होंने कहा, “आज की दुनिया में देशों के रिश्ते विशिष्ट नहीं होते. हर देश अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था से सर्वश्रेष्ठ लाभ प्राप्त करना चाहता है.”
रूस के साथ भारत के संबंधों पर क्या बोले एस जयशंकर
एस जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में यह भावना है कि संघर्ष जितनी जल्दी खत्म हो जाए, वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज के लिए उतना ही बेहतर होगा. वहीं रूस के साथ भारत के संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि रूस आज पश्चिम के साथ अपने मौजूदा तनाव के कारण एशिया की ओर अधिक रुख कर रहा है. एस जयशंकर ने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद से अभी तक पहले सोवियत यूनियन और अब रूस के साथ हमेशा अच्छा ही अनुभव रहा है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और रूस के बीच रणनीतिक और भू-राजनीतिक समीकरणों के अलावा एक लंबा रक्षा और सुरक्षा संबंध भी है.