मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चार दिनों की भारत यात्रा पर आए हैं। मुइज्जू चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार को नई दिल्ली पहुंचे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आश्वासन दिया है कि उनका देश कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो। मुइज्ज़ू, जिनकी सरकार मालदीव में आर्थिक संकट का सामना कर रही है, भारत के साथ अपने देश के संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए भारत काे दौरे पर आए हैं। चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू ने रविवार को कहा कि चीन के साथ देश के संबंधों से भारत की सुरक्षा को कभी कोई खतरा नहीं होगा।
#WATCH | President Droupadi Murmu and Prime Minister Narendra Modi receive Maldives President Mohamed Muizzu as he arrives at Rashtrapati Bhavan, in Delhi.
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— ANI (@ANI) October 7, 2024
भारत आने पर मुइज्जू का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया स्वागत, मुइज्जू ने पीएम मोदी सहित कई नेताओं का किया अभिवादन.
#WATCH | Maldives President Mohamed Muizzu being accorded a ceremonial welcome at the Rashtrapati Bhavan, in Delhi.
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— ANI (@ANI) October 7, 2024
#WATCH | President Droupadi Murmu and Maldives President Mohamed Muizzu introduce each other to their respective country's ministers and delegation at the Rashtrapati Bhavan, in Delhi.
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— ANI (@ANI) October 7, 2024
मुइज्जू का बड़ा बयान
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि, “मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो। भारत मालदीव का एक मूल्यवान भागीदार और मित्र है, और हमारे संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर बने हैं। जबकि हम विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ अपना सहयोग बढ़ाते हैं, हम बने रहेंगे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे कार्यों से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो।”
भारतीय सैनिकों के लिए कही ये बात
साक्षात्कार में जब मुइज्जू से भारतीय सैनिकों की वापसी पर उनके फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “मालदीव और भारत को अब एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं की बेहतर समझ है। मैंने वही किया जो मालदीव के लोगों ने मुझसे पूछा था। हालिया बदलाव घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित करने के हमारे प्रयासों को दर्शाते हैं। पिछले समझौतों की हमारी समीक्षा का उद्देश्य उन्हें सुनिश्चित करना है हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप रहें और क्षेत्रीय स्थिरता में सकारात्मक योगदान दें।”
बता दें कि मालदीव-भारत संबंध तब से तनावपूर्ण हो गए थे जब मालदीव ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस जाने के लिए कहा था। मालदीव के मंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों से द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव आ गया था।
दिवालिया होने की स्थिति में मालदीव?
उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध मजबूत रहे हैं और उनकी यात्रा से यह और मजबूत होंगे. मालदीव कर्ज न चुकाने पाने की वजह से दिवालिया होने की स्थिति में पहुंच गया है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार 440 मिलियन डॉलर तक गिर गया है. मुइज्जू पिछले साल अपने “इंडिया आउट” प्रचार का झंडा बुलंद कर सत्ता की कुर्सी पर काबिज हुए थे. हाल के दिनों में उन्होंने अमेरिका का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा था कि उन्हें मालदीव में विदेशी जवानों की मौजूदगी से दिक्कत है, लेकिन वह किसी देश के खिलाफ नहीं हैं.