बीते दिनों बेंगलुरु से एक पाकिस्तान परिवार गिरफ्तार हुआ था जो यहाँ हिंदू पहचान के साथ रह रहा था। अब पुलिस ने उसी परिवार की मदद करने वाले आरोपित को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान परवेज अहमद के तौर पर हुई है। जाँच अधिकारी परवेज की पड़ताल कर रहे हैं।
शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि परवेज ने भारत में कम से कम पाँच पाकिस्तानी परिवारों को बसाया है जो हिंदू नाम की आड़ लेकर भारत में रह रहे हैं। इनमें से 2 को तो पिछले हफ्ते ही बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया है। वहीं बाकी जिनकी मदद परवेज ने की वो मुंबई और दिल्ली में बसे हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार उसने 22 लोगो की भारत में अवैध रूप से घुसने में मदद की।
अब पुलिस ये छानबीन कर रही है कि क्या इन परिवारों का कोई आपराधिक बैकग्राउंड है या नहीं। अगर नहीं, तो फिर उन्हें वापस उनके मुल्क भेजने की प्रक्रिया की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर को जिगानी पुलिस ने रफीक सिद्दीकी के पाकिस्तानी परिवार को गिरफ्तार किया था जो 2018 से बेंगलुरु में रह रहे थे। इन्होंने अपनी पहचान छिपाकर यहाँ ‘शर्मा’ नाम से पहचान दिखाई हुई थी। जाँच में सामने आया था कि इनमें से रफीक सिद्दीकी मेहदी फाउंडेशन का सदस्य था। उसी मेहदी फाउडेशन से परवेज भी जुड़ा था जिसने उसकी मदद की।
परवेज का जुड़ाव इस संस्था से 2007 में हुआ था जब इसके 63 सदस्य भारत आए और नई दिल्ली में अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों में एक महिला भी थी जिसने बाद में परवेज से शादी कर ली। शादी के बाद महिला भारत में ही रही जबकि बाकी लोगों को शर्णार्थी की पहचान मिली और वो यूरोपीय देशों में बसाए गए।
अब परवेज की बीवी दिल्ली में रहती है और दिल्ली विशेष शाखा को रिपोर्ट करती है। इस क्रम में परवेज का आना जाना दिल्ली होता है। उसके मुताबिक उसने भारत में उन्हीं लोगों को बसवाया जो मजबूर हो गए थे और उनके पास कोई विकल्प नहीं था।