प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव ने भी बीजेपी के लिए सकारात्मक संदेश दिया है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक चुनाव संपन्न हुए. हालांकि यहां बीजेपी को सरकार बनाने लायक आंकड़ा नहीं मिला लेकिन हरियाणा में हेट्रिक लगाने के द्वार जरूर खोल दिये हैं. इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति और उनके समर्पण को दिया जा रहा है. हरियाणा की जनता और जमीन से उनका सालों पुराना रिश्ता है.
मोदी आर्काइव हैंडल पर आज के दिन हरियाणा चुनाव प्रचार की एक पुरानी तस्वीर को शेयर करने के साथ ही संदेश लिखा गया है कि नरेंद्र मोदी ने अपना पूरा जीवन ज़मीन से ऊपर तक एक विशाल समर्थन आधार बनाने में समर्पित कर दिया है. उनके आजीवन समर्पण का परिणाम उन्हें और भाजपा को चुनाव दर चुनाव मिलने वाले ऐतिहासिक जनादेशों में परिलक्षित होता है.
Narendra Modi has dedicated his entire life into building a vast support base from the ground up.
The result of his lifelong dedication is reflected in the historic mandates he and BJP receive, election after election.
(An archival picture from Haryana) #HaryanaElectionResult pic.twitter.com/bjTbV57xxE
— Modi Archive (@modiarchive) October 8, 2024
हरियाणा में चुनाव प्रचार की पुरानी यादें
मंगलवार 8 अक्तूबर को आए विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों में हरियाणा में बीजेपी ने अकेले दम पर सरकार बनाने का आंकड़ा हासिल कर लिया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल @modiarchive पर हरियाणा में उनकी जो पुरानी तस्वीर शेयर की गई है वह बताती है हरियाणा से उनका ताल्लुकात कितना गहरा और पुराना है. इस तस्वीर को शेयर कर उन्होंने अपनी पुरानी यादें ताजा की हैं.
इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी एक चुनावी सभा के दौरान तैयार किये गये मंच पर बैठे दिख रहे हैं. यह मौका विधानसभा चुनाव का था. सोनीपत में बीजेपी की जनसभा आयोजित की गई थी. तस्वीर में दिख रहे कमल के फूल वाले बैनर से साफ होता है कि यह जनसभा भाजपा के तत्कालीन उम्मीदवार देवीदास के समर्थन में चल रही थी. नरेंद्र मोदी इस दौरान मौजूद थे.
कौन थे सोनीपत के देवीदास?
बाबू देवीदास आपातकाल के बाद हुए सन् 1977 के चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद सोनीपत से पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 1982 और 1987 में भी वह सोनीपत से जीते थे. प्रधानमंत्री मोदी से उनकी काफी नजदीकी रही है. वह मूल रूप से हरियाणा के थे लेकिन बाद के दिनों में सूरत में शिफ्ट हो गये. लंबी बीमारी के बाद साल 2019 में उनका निधन हो गया था.