सोशल मीडिया पर एक मुस्लिम युवक को पीटे जाने का वीडियो वायरल हुआ तो इस्लामी कट्टरपंथी तुरंत एक्टिव हो गए। फौरन हिंदूवादी संगठनों और भीड़ को इस घटना का दोषी ठहरा दिया गया। दावा किया गया कि वीडियो गाजियाबाद का है जहाँ एक मुस्लिम लड़के ने पैगंबर मोहम्मद के अपमान के खिलाफ आवाज उठाई थी इसलिए भीड़ उसे मार रही है।
दावा : इस लड़के को इसलिए मारा गया, क्योंकि इसने पैगंबर मोहम्मद की शान में हुई गुस्ताखी का विरोध किया था।
सच : ये अकरम है। हिन्दू लड़की के साथ होटल से वापस आ रहा था। रास्ते में लड़की के भाइयों ने पकड़ लिया। पिटाई की और पुलिस को सौंप दिया।
वीडियो हापुड़, यूपी की 28 सितंबर की है। pic.twitter.com/9OznyLdo8z
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 9, 2024
मुस्लिम मिरर जैसे हैंडल्स से कहा गया कि चूँकि मुस्लिम युवक पैगंबर मोहम्मद के अपमान किए जाने का विरोध कर रहा था इसलिए भीड़ ने उसे मारा।
कई मुस्लिम पत्रकार भी इस लिस्ट में जुड़े जिन्होंने फर्जी कहानी फैलाई। वसीम अकरम त्यागी ने तो कहा कि युवक को मजहब संबंधी गालियाँ भी दी गईं और युवक के साथ उसकी बहन थी उसको भी पीटा गया।
AIMIM समर्थक शरीक कुरैशी ने तो बिन सच्चाई जानें घटना के लिए हिंदुओं को दोषी ठहरा दिया। अपने पोस्ट में उसने साफ लिखा- “इतनी नफ़रत किसने भरी? मोटरसाइकिल सवार भाई-बहन पर 8-10 हिंदुत्व गुंडों ने हमला किया और उन्हें पीटा। यहाँ तक कि मासूम लड़की पर भी हमला किया गया। उन पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि उन्होंने पैगंबर मुहम्मद (PBUH) के अपमान का विरोध किया था!!”
अब इस वीडियो की हकीकत क्या है इसे जानते हैं-
सोशल मीडिया पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे दावे झूठे हैं। न तो ये वीडियो गाजियाबाद की है। न ही भीड़ मुस्लिम युवक को इसलिए पीट रही है क्योंकि उसने पैगंबर मोहम्मद के अपमान के खिलाफ आवाज उठाई, न ही वीडियो में उसकी कोई बहन है।
असलियत ये है कि ये वीडियो 28 सितंबर को हापुड़ जिले के धौलाना पुलिस स्टेशन की है और पिटने वाले लड़के का नाम अकरम है। आरोप है कि अकरम एक हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर होटल के कमरे में ले गया था। जब लड़की के भाइयों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने उसे पकड़कर खूब पीटा, जिसकी वीडियो सामने है।
इस संबंध में हापुड़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल का भी मौजूद है। उन्होंने बताया कि इस मामले में हिंदू लड़की ने अकरम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि अकरम ने उसे अपने जाल में फँसाया और उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर शिकायत भी दर्ज की थी।
अब इस मामले को जिस तरह सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है उसे लेकर भी हापुड़ पुलिस कहती है इस मामले में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया गया। पुलिस उन लोगों पर एफआईआर करेगी जो गलत जानकारी फैलाएँगे।