महादेव बेटिंग ऐप केस में भारत की जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है. सूत्रों के मुताबिक बेटिंग ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने डिटेन कर लिया है, जिसके बाद उसे भारत वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम महादेव ऐप के मालिक सौरभ चंद्राकर को एक हफ्ते के अंदर भारत लेकर आ सकती है.
बताया जा रहा है कि इंटरपोल ने सीबीआई को सूचित किया है, जो नोडल एजेंसी है. बता दें कि इस मामले में ईडी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. बता दें कि महादेव ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर का D कंपनी (दाऊद इब्राहिम) से भी कनेक्शन है. देश के कई राज्यों में महादेव ऐप के खिलाफ केस दर्ज है. ED में भी ऐप को लेकर शिकायत दर्ज की गई है. बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2023 को भी सौरभ चंद्राकर को दुबई में हिरासत में लेने के बाद ‘घर में नजरबंद’ किया गया था.
Mahadev betting App owner Saurabh Chandrakar arrested in Dubai
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— ANI Digital (@ani_digital) October 11, 2024
केंद्र ने महादेव बेटिंग ऐप पर लगाया बैन
केंद्र सरकार ने 5 नवंबर 2023 को महादेव बेटिंग ऐप समेत अवैध सट्टेबाजी वाले 22 ऐप और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश दिया था. ED की सिफारिशों के बाद इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 69ए के तहत आदेश जारी किए गए थे. महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया था, जब ईडी ने दावा किया कि उसने एक ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे. हालांकि, बघेल ने आरोपों को खारिज किया था.
ईडी ने 8 नवंबर को दर्ज किया था केस
महादेव बेटिंग ऐप और उसके प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर मुंबई पुलिस ने 8 नवंबर 2023 को केस दर्ज किया था. आरोपियों पर चीटिंग करने और जुआ खिलाने के आरोप लगे थे. इस मामले में माटुंगा पुलिस थाने में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत 30 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज हुआ था, जिसे बाद में मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और बाद में इसकी जांच के लिए एक एसआईटी बनाई गई. दरअसल, इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता ने निचली अदालत में याचिका दायर की थी. इसमें ऐप और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने माटुंगा पुलिस को केस दर्ज करने को कहा था. पुलिस ने बताया कि सौरभ, रवि आदि के खिलाफ FIR दर्ज की गई. FIR के मुताबिक, आरोपियों ने लोगों को करीब 15 हजार करोड़ का चूना लगाया है.
दुबई के घर में नजरबंद था चंद्राकर
पिछले साल दिसंबर में चंद्राकर को दुबई के घर में नजरबंद कर दिया गया था। रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत को सौंपी गई अपनी प्रारंभिक चार्जशीट में ईडी ने चंद्राकर, उप्पल और कई अन्य लोगों का नाम लिया था। आरोप पत्र में सौरभ चंद्राकर के चाचा दिलीप चंद्राकर के एक बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि 2019 में सौरभ के दुबई जाने से पहले, वह छत्तीसगढ़ के भिलाई में अपने भाई के साथ ‘जूस फैक्ट्री’ नामक जूस की दुकान चलाता था।
महादेव बुक एप क्या है?
महादेव बुक दुबई से ऑपरेट होने वाला एक सट्टेबाजी का एप था. लोगों को सट्टेबाजी के जरिए पैसे कमाने के लालच देकर नए यूजर्स को जोड़ा जाता था. इस ऐप पर कई तरह के गेम है और इन पर पैसे लगाए जाते हैं. EOW (Economic Offences Wing) की तरफ से पेश की गई चार्जशीट के मुताबिक, महादेव सट्टा ऐप के जरिए हर महीने 450 करोड़ रुपये कमाए गए हैं. महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मामले में एक्टर साहिल खान को भी हिरासत में लिया गया था.
इस ऐप्लिकेशन के जरिए कई तरह की गैर-कानूनी गतिविधियां की जाती थी, इसी के बाद यह काफी विवादों में रहा है. इस ऐप पर पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के समय केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था. यह यूजर्स को कई तरह के गेम पर ऑनलाइन सट्टा लगाने का प्लेटफॉर्म देता है, आरोपों के मुताबिक इस ऐप पर यूजर्स क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल खेल के दौरान सट्टा लगाते थे और मनी लॉंड्रिंग जैसी आपराधिक गतिविधियां संचालित की जाती थी.