गुजरात के गाँधीनगर जिले के सादरा गाँव में एक मुस्लिम नाबालिग द्वारा भगवान राम और माता सीता पर की गई अभद्र टिप्पणी से पूरे गाँव में आक्रोश फैल गया। इस घटना के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए और पुलिस स्टेशन तक रैली निकाली। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए आरोपित नाबालिग को हिरासत में ले लिया है। इस विवाद के बाद गाँव में पूर्ण बंद की घोषणा की गई है।
बजरंग दल के प्रमुख गणपत सिंह ने बातचीत में पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया, “यह घटना रविवार (22 अक्टूबर 2024) को हुई, जब सादरा गाँव के 16 वर्षीय मुस्लिम लड़के (नाबालिग की पहचान कानूनी कारणों से छिपाई गई) ने इंस्टाग्राम पर भगवान राम और माता सीता के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणी की। इसका स्क्रीनशॉट गाँव में वायरल हो गया, जिससे पूरे हिंदू समाज में गुस्सा फैल गया।” गणपत सिंह ने कहा कि बजरंग दल और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता लोगों को शांत करने के लिए तुरंत मौके पर पहुँचे और कानूनी रास्ता अपनाने का सुझाव दिया।
घटना के बाद गाँव के लगभग 200 से 300 लोग चिलोडा पुलिस स्टेशन पहुँचे और आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की। पुलिस को स्क्रीनशॉट्स और अन्य सबूत सौंपे गए। गाँव के एक निवासी राजेश पटेल ने कहा, “इस घटना ने हमारे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। हम चाहते हैं कि दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत न कर सके।”
चिलोडा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक, PI परमार ने कहा, “हमने स्थिति को गंभीरता से लिया और तुरंत आरोपित नाबालिग को हिरासत में लिया। गाँव में स्थिति नियंत्रण में है, और हम शांति बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।” पुलिस ने गाँव में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
गाँव में बंद और रैली का आयोजन
घटना के बाद 23 अक्टूबर को बजरंग दल के आह्वान पर सादरा गाँव में एक दिन का बंद रखा गया। गाँव के व्यापारी संघ के अध्यक्ष, रमेश चौधरी ने कहा, “हमारे धर्म का अपमान हुआ है, इसलिए हमने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद रखी हैं। यह विरोध प्रदर्शन धर्म और आस्था की रक्षा के लिए है।” इसके अलावा, गाँव में हिंदू संगठनों द्वारा एक रैली भी निकाली गई, जिसमें ‘जय श्रीराम’ और ‘जय शिवाजी’ के नारे लगाए गए।
आरोपित के माता-पिता ने माँगी माफी
घटना के बाद आरोपित नाबालिग के माता-पिता ने गाँव के सरपंच और हिंदू संगठनों से माफी की अपील की। उन्होंने कहा कि उनका बेटा कम उम्र का है और यह हरकत उसने अनजाने में की है। सरपंच रमेश भाई चौहान ने बताया, “मुस्लिम नाबालिग के माता-पिता ने माफी माँगी है और आश्वासन दिया है कि ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। हम इस पर विचार कर रहे हैं।” हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच शांति बनाए रखने के लिए पुलिस की मध्यस्थता में एक शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बजरंग दल के गणपत सिंह ने कहा, “यदि मुस्लिम समुदाय आश्वासन देता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ नहीं होंगी, तो हम भी कार्रवाई को रोकने के लिए तैयार हैं। शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”
पिछले 6 महीनों से गाँव में बढ़ी आक्रामकता
हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि सादरा गाँव में पिछले 6 महीनों से स्थिति तनावपूर्ण हो रही है। गणपत सिंह ने बताया, “गाँव में एक मस्जिद है जहाँ लाउडस्पीकर से अज़ान 5 बार की जाती है, जिससे पहले कभी ऐसा नहीं होता था। इससे गाँव में तनाव बढ़ा है।” उन्होंने यह भी कहा कि घटना के बाद से गाँव में तनाव की स्थिति बनी हुई है और शांति समिति की बैठक के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। बताया जा रहा है कि इस गाँव में 8000 घर हैं, लेकिन मुस्लिमों के घरों की संख्या महज 250 के आसपास ही है। इसके बावजूद ऐसी हरकतें की जा रही हैं।
PI परमार ने कहा, “हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और किसी भी प्रकार की अशांति या हिंसा को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। गाँव में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, और हम सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी समुदाय के साथ अन्याय न हो।” फिलहाल, शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, और गाँव में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शांति समिति की बैठक के बाद आगे की दिशा तय की जाएगी।