जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने आतंकवाद और आतंकियों के मददगारों के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है। 5 नवम्बर, 2024 को श्रीनगर में आयोजित राब्ता-ए-आवाम नामक एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो लोग आतंकियों को शरण देंगे, उनके घरों को जमींदोज कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कड़ी कार्रवाई पर कोई समझौता नहीं होगा।
मनोज सिन्हा ने राज्य की जनता से अपील की कि वे आतंकवादियों के मददगारों के खिलाफ खड़े हो और ऐसे लोगों के खिलाफ समाज में सजगता और जवाबदारी दिखाएँ। उनका मानना था कि अगर प्रशासन, सुरक्षा बलों और आम जनता तीनों मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करें, तो आतंकवाद को समाप्त करने में एक साल से ज्यादा समय नहीं लगेगा।
इस बयान का उद्देश्य जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों और उनके समर्थन करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार और सुरक्षा बलों की मजबूत कार्रवाई की ओर इशारा करना है। LG मनोज सिन्हा ने सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय लोगों से भी आतंकवाद के खिलाफ समाजिक एकता की अपील की, ताकि राज्य से आतंकवाद को समूल नष्ट किया जा सके।
#WATCH | Baramulla, J&K: At the Raabta-e-Awaam program, J&K LG Manoj Sinha says, "…For the past four years, I have been reiterating that don't harass the innocent and don't spare the guilty…Anyone who gives shelter to terrorists, their house will be razed, and there will be… https://t.co/8BG4It79DW pic.twitter.com/apLzEYgQHS
— ANI (@ANI) November 6, 2024
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने 5 नवम्बर 2024 को राब्ता-ए-आवाम कार्यक्रम में अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए आतंकवादियों के मददगारों को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, “हमारे देश में आतंक को प्रश्रय देने वाले लोग हैं और फिर कहते हैं कि उनके ऊपर अन्याय हो रहा है। यह उचित बात नहीं है।” उन्होंने आतंकवाद के कारण हुए कितने नुकसान की ओर इशारा करते हुए कहा, “अब तक 40,000-50,000 लोगों की जान जा चुकी है, कितनी महिलाएँ विधवा हो चुकी हैं, और कितनी बहनों के भाई चले गए। बावजूद इसके, अगर जनता इन आतंकवादियों के खिलाफ खड़ी नहीं होती तो कश्मीर कभी नहीं बदल सकता।”
मनोज सिन्हा ने आतंकी मददगारों को चेतावनी देते हुए कहा, “मैं एक बार फिर कह रहा हूँ, बेगुनाह को छेड़ो मत, गुनाहगार को छोड़ो मत।” उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई आतंकवादी को शरण देगा, तो उसका घर जमींदोज कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा, और यह कार्रवाई कड़ी और निर्णायक होगी।
यह बयान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ उपराज्यपाल के प्रशासन की सख्त नीति को दर्शाता है। मनोज सिन्हा का उद्देश्य आतंकवाद के समर्थकों के खिलाफ एक कड़ी संदेश भेजना है, जिससे राज्य में आतंकवाद के प्रभाव को समाप्त किया जा सके।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा का यह बयान उस समय आया है जब सुरक्षाबलों ने कश्मीर के विभिन्न इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तेज कर दी है। हाल ही में श्रीनगर में सेना ने एक घर में छुपे तीन आतंकियों को मार गिराया, और इसके बाद सेना ने उस घर को जमींदोज कर दिया। इसके अलावा, श्रीनगर सहित अन्य इलाकों में भी सुरक्षाबलों के द्वारा चलाए गए ऑपरेशनों में स्थानीय और पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया। पिछले एक हफ्ते में 4-5 जगहों पर ऐसे ऑपरेशनों को अंजाम दिया गया, जिससे आतंकवादियों पर भारी दबाव बनाया गया है।
मनोज सिन्हा ने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही इस सख्त नीति को लेकर यह स्पष्ट किया कि आतंकवादियों को शरण देने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और उनका घर जमींदोज किया जाएगा।
इसके अलावा, मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिए जाने को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलना उतना ही पक्का है जितना सूर्य का पूरब से निकलना।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसके लिए राज्य की नई सरकार कोशिश करेगी और राज्य को फिर से राज्य का दर्जा मिलेगा।
यह बयान कश्मीर में प्रशासनिक सुधारों और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर सरकार की वचनबद्धता को दर्शाता है।