यह कहानी नूरी (अब निशा) की है, जो सीतापुर जिले के एक मंदिर में शुद्धिकरण के बाद सनातन धर्म में वापस आईं। उनके प्रेमी अखिलेश के साथ शादी के बाद वे अब एक नई पहचान के साथ जीवन की शुरुआत कर रही हैं। नूरी की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा है, बल्कि यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का भी प्रतीक है।
नूरी, जो पहले मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखती थीं, अपनी नौकरी के दौरान अखिलेश से मिलीं और दोनों में प्यार हो गया। हालांकि, उनके परिवारों में धर्म के कारण रिश्ते को लेकर असहमति थी, लेकिन नूरी ने अपने परिवार की पाबंदियों और संघर्षों को झेलते हुए अपनी धार्मिक पहचान को लेकर एक बड़ा कदम उठाया।
राम गोपाल मिश्रा की हत्या और बहराइच हिंसा की घटनाओं ने नूरी को गहरे प्रभावित किया, जिससे उसने इस्लाम धर्म से अपनी दूरी बना ली और हिंदू धर्म में वापसी का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने नूरी और अखिलेश को उनकी शादी के लिए समर्थन दिया और उन्हें शुद्धिकरण के बाद हिंदू धर्म में स्वीकार किया।
इस शादी का आयोजन एक शिव मंदिर में हुआ, जहां पूरे विधि-विधान के साथ नूरी और अखिलेश ने विवाह किया। इस शादी में राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सदस्य भी शामिल थे और उन्होंने शादी के बाद दोनों को आशीर्वाद दिया।
यह कहानी न केवल एक व्यक्ति की व्यक्तिगत यात्रा है, बल्कि समाज में विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच सामंजस्य और परिवर्तन की एक गहरी परत भी खोलती है।
शुद्धिकरण और शादी के बाद नूरी और अखिलेश ने हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपनी शादी को संपन्न किया। दोनों ने एक-दूसरे के गले में जयमाला डाली और हवन किया, जबकि विवाह के दौरान हिंदू देवी-देवताओं के जयकारे भी लगाए गए। इस दौरान नूरी ने यह भी कहा कि वह बहराइच हिंसा से गहरे रूप से प्रभावित हुई थीं, और उसी कारण उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया। नूरी ने फेसबुक पर यह पोस्ट किया था कि वह रामगोपाल मिश्रा की हत्या और उसके बाद की घटनाओं से विचलित हो गईं, और वह इस्लाम धर्म में रहकर अब संतुष्ट नहीं थीं।
अखिलेश ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि धर्म के नाम पर इंसानियत की अनदेखी करना असहनीय था, और यही कारण था कि नूरी ने हिंदू धर्म अपनाया। इस शपथ-पत्र में नूरी ने अपने धार्मिक बदलाव की कानूनी स्वीकृति दी और इसे आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया।
इस तरह, नूरी और अखिलेश ने अपनी निजी यात्रा को एक नए अध्याय में बदलते हुए अपने धर्म के प्रति अपने विश्वास को नया आकार दिया। उनका यह कदम और बयान इस बात का प्रतीक है कि व्यक्तिगत विचार, अनुभव और समाजिक घटनाएँ किस तरह जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं।
हिन्दू धर्म में नहीं है भेदभाव
नूरी ने अपनी नई ज़िन्दगी के बारे में बात करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में सबसे अच्छी बात यह लगी कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है और हर कोई समान है। नूरी के मुताबिक, यही सबसे बड़ी वजह थी कि उसने अखिलेश को अपने जीवन साथी के रूप में चुना, क्योंकि फैक्ट्री में काम करने वाले तमाम लोगों में वह अखिलेश से सबसे ज्यादा प्रभावित थी।
अब नूरी अपने नए परिवार के साथ बेहद खुश है और महादेव शिव, माँ काली, और माँ दुर्गा की पूजा भी करती है। उसने बताया कि अखिलेश के परिवार वाले बहुत अच्छे हैं और उनका पूरा ध्यान रखते हैं, जिससे वह अब पूरी तरह से संतुष्ट और खुश हैं।
नूरी की बातों से यह जाहिर होता है कि उसने अपने जीवन में एक बड़ा परिवर्तन किया है और अपनी नई पहचान को अपनाया है, जिससे वह अब आत्मविश्वास और शांति महसूस करती है।
नूरी ने बताया कि अखिलेश से अफेयर के बाद उसे अपनी बुआ की तरफ से मौत की धमकियाँ मिल रही थीं। उसकी बुआ जो लुधियाना में रहती है, ने तो अखिलेश की हत्या करने तक की बात कही थी। इसके अलावा, नूरी को उसके भाई ने भी गाँव ले जाकर बाँध कर पीटा था। इस कठिन दौर के बावजूद, नूरी अब चाहती है कि उसका परिवार इस रिश्ते को कबूल करे और वे एक साथ खुशहाल जीवन बिताएं।
नूरी की स्थिति बताती है कि उसने अपने प्रेमी के साथ अपने रिश्ते को अपनाने के लिए न केवल परिवार से, बल्कि समाज से भी विरोध झेला है। अब वह चाहती है कि परिवार भी उसका समर्थन करे और उसे स्वीकृति दे, ताकि वह अपने नए जीवन में सुकून से आगे बढ़ सके।
नूरी ने बताया कि बहराइच की घटना ने उसे एकदम से बदल डाला। वह इस घटना से इतनी प्रभावित हुई कि उसके बाद उसने इस्लाम में रहना पूरी तरह से छोड़ दिया। नूरी ने कहा, “बताओ, बेचारे को झंडा लगाने के लिए मार डाला,” इस घटना से वह पूरी तरह विचलित हो गई थी। उसने महसूस किया कि ऐसे मजहब में रहना ही नहीं चाहिए, जहाँ किसी की आवाज़ नहीं सुनी जाती और लोगों को बिना वजह मारा जाता है।
नूरी के लिए यह घटना एक जागरूकता और निर्णय का पल बनी, जिससे उसने अपने जीवन और धर्म के प्रति दृष्टिकोण बदल दिया और हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया।