ओडिशा में गोवंश की तस्करी का मामला लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है, जहां तस्कर राज्य से अवैध रूप से गायों को पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में दो महत्वपूर्ण घटनाओं ने इस तस्करी नेटवर्क की सक्रियता को उजागर किया है।
पहली घटना भद्रक जिले से सामने आई है, जहां तस्करों ने एक वाहन में गोवंश को अवैध रूप से ले जाने की कोशिश की थी। हालांकि, स्थानीय लोगों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की सतर्कता के चलते तस्करी का प्रयास विफल हो गया। कार्यकर्ताओं ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी और तस्करी के प्रयासों को रोका।
दूसरी घटना गंजाम जिले के हिंजिली इलाके से है, जहां तस्करों ने गोवंश की तस्करी करने की कोशिश की थी। जैसे ही स्थानीय लोगों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तस्करों का पीछा किया और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की और तस्करों को पकड़ लिया, साथ ही गायों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया।
यह घटनाएं साफ तौर पर दिखाती हैं कि ओडिशा में गौ तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन स्थानीय समुदाय और संगठनों की सक्रियता के चलते इन प्रयासों को विफल किया जा रहा है। गौ तस्करी के खिलाफ स्थानीय जागरूकता और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, ताकि इस गैरकानूनी व्यापार को पूरी तरह से रोका जा सके और गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
भद्रक में एक कार में ले जाये जा रहे थे 9 गाय
ओडिशा के चांदबाली क्षेत्र से एक और गौ तस्करी का मामला सामने आया है, जिसमें 9 गायों को एक कार में ठूंस कर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था। स्थानीय लोगों ने जब कार को देखा, तो वे हैरान रह गए क्योंकि कार के अंदर गायों को इस तरह से रखा गया था जैसे आलू के बोरे भरकर रखे जाते हैं। लोग तुरंत इस कार का पीछा करने के लिए अपनी बाइक पर सवार हो गए और पुलिस को सूचित किया।
पुलिस ने भी बाइक के जरिए तस्करी करने वाली कार का पीछा किया और अंत में भद्रक-चांदबाली राजमार्ग पर तिहिडी थाना क्षेत्र के पास कार का चालक पुलिस को देख कर वाहन छोड़कर फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने कार का दरवाजा खोला तो गायों की हालत देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। गायों को इस कदर ठूस-ठूस कर रखा गया था कि वे न तो ठीक से खड़ी हो पा रही थीं और न ही ठीक से देख पा रही थीं, जिससे उनकी दयनीय स्थिति साफ नजर आ रही थी।
स्थानीय लोग इस क्रूरता को देख कर गुस्से में आ गए और उन्होंने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने गायों को सुरक्षित रूप से मइतापुर गौशाला में भेजा और कार को जब्त कर लिया। इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह घटना फिर से गौ तस्करी की समस्या और उसकी मानवीयता की सीमा को उजागर करती है। स्थानीय समुदाय के प्रयासों से इस मामले को उजागर किया गया, और अब प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गंजाम जिले में गौवंश से भरी वैन
गंजाम जिले के हिंजिली में भी गौवंश की तस्करी की कोशिश की गई थी, जिसे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने समय रहते रोक लिया। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने वैन को आंध्र प्रदेश की ओर जाते देखा और उसे रोकने के बाद हिंजिली पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वैन को जब्त कर लिया और इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
हिंदू जागरण मंच के प्रदेश संगठन मंत्री तन्मय दाश ने इस घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त की और कहा कि ओडिशा में गौवंश की तस्करी की समस्या गंभीर रूप से बढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि गौ तस्करों का एक संगठित नेटवर्क है, जो इस अवैध व्यापार को बड़े पैमाने पर अंजाम देता है। दाश ने प्रशासन से अपील की कि गौ तस्करी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि ओडिशा से गौवंश की तस्करी को रोका जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार प्रशासन को इस बारे में सूचित किया जा चुका है, लेकिन फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिसके कारण तस्करों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। तन्मय दाश का मानना है कि अगर प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर सख्त नहीं हुआ, तो गौ तस्करी का यह नेटवर्क और बढ़ सकता है।
यह घटनाएं इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि ओडिशा में गौवंश की तस्करी को रोकने के लिए और अधिक संगठित प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि इस अवैध व्यापार को जड़ से खत्म किया जा सके।