कनाडा द्वारा ऑस्ट्रेलियाई टीवी न्यूज चैनल ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक करने के फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह कदम कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति दोगलेपन को उजागर करता है। उन्होंने यह भी बताया कि यह घटना एक महत्वपूर्ण प्रवासी आउटलेट के सोशल मीडिया पेज को प्रभावित करती है, जो विशेष रूप से भारत और भारतीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
यह बयान तब आया जब कनाडा सरकार ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रेस कांफ्रेंस को दिखाने वाले चैनल के सोशल मीडिया पेज को ब्लॉक किया। विदेश मंत्रालय ने कनाडा पर आरोप लगाया कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पालन करने का दावा करते हुए, दरअसल, इसका उल्लंघन कर रहा है।
भारत ने इस घटनाक्रम को कनाडा के लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों के प्रति दोगला रुख मानते हुए, इस पर कड़ा विरोध जताया।
ऑस्ट्रेलियाई चैनल ने दिखाई थी जयशंकर की पीसी
कनाडा ने यह कार्रवाई विदेश मंत्री एस जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया में उनके समकक्ष पेनी वोंग की साक्षा प्रेस कांफ्रेंस के कुछ घंटे बाद की थी। इस पीसी में जयशंकर ने कनाडा पर बिना सबूत के भारत पर आरोप लगाने का मुद्दा उठाया था। ऑस्ट्रेलियाई चैनल ने इस पीसी को कनाडा में टेलीकास्ट किया था।
#WATCH | Delhi: On Canada blocking or banning the prominent outlet there- Australia Today, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We understand that the social media handles, pages of this particular outlet, which is an important diaspora outlet, has been blocked and are not… pic.twitter.com/r0Igyg3Ho0
— ANI (@ANI) November 7, 2024
विदेश मंत्रालय ने लगाई कनाडा को लताड़
रणधीर जायसवाल ने कनाडा द्वारा ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल के सोशल मीडिया पेज को ब्लॉक करने के फैसले पर और भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण के कुछ ही घंटों बाद की गई, जो एक चौंकाने वाली और अजीब घटना है। जायसवाल ने इसे कनाडा के दोगलेपन के रूप में पेश किया और आरोप लगाया कि यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में तीन प्रमुख मुद्दों पर बात की थी:
- बिना किसी विशेष सबूत के आरोप लगाना – कनाडा द्वारा भारत पर बिना ठोस प्रमाण के आरोप लगाए गए थे।
- भारतीय राजनयिकों की अस्वीकार्य निगरानी – कनाडा में भारतीय राजनयिकों की गतिविधियों की अनावश्यक और अस्वीकार्य निगरानी की जा रही है।
- भारत विरोधी तत्वों को राजनीतिक स्थान दिया जाना – कनाडा में भारत विरोधी और कट्टरपंथी तत्वों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है, जो भारत के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
इन बिंदुओं के आलोक में, भारत ने यह निष्कर्ष निकाला कि कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल को इसलिए ब्लॉक किया क्योंकि यह चैनल इन मुद्दों को उजागर कर रहा था, जो कनाडा के लिए असहज थे। यह कदम कनाडा की उस नीति की ओर इशारा करता है, जो भारत और भारतीयों के खिलाफ प्रचार करने वाले तत्वों को बढ़ावा देने का प्रयास करती है।
इस घटनाक्रम ने भारत और कनाडा के बीच बढ़ती राजनीतिक तनाव को और हवा दी है, जिसमें कनाडा पर आरोप है कि वह अपने घरेलू राजनीति में भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, जबकि वही देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दावा करता है।
मंदिर पर हमले को लेकर कही ये बात
कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर हमले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम ब्रैम्पटन में मंदिर पर हमले की निंदा करते हैं। हमने कनाडा सरकार से कानून के शासन को बनाए रखने और हिंसा को बढ़ावा देने वाले लोगों को न्याय के कटघरे में लाने का भी आह्वान किया है। हमें उम्मीद है कि कनाडा सरकार उचित कार्रवाई करेगी।
वाणिज्य दूतावास शिविर को लेकर दी ये जानकारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि आपने टोरंटो में हमारे वाणिज्य दूतावास द्वारा पोस्ट किए गए मैसेज को देखा होगा कि उन्हें सप्ताहांत में आयोजित होने वाले वाणिज्य दूतावास शिविर को रद्द करना पड़ा है क्योंकि उन्हें सरकार से पर्याप्त सुरक्षा या सुरक्षा आश्वासन नहीं मिला। कनाडा में हमारे पास एक बड़ा प्रवासी समुदाय है। इसलिए यह वाणिज्य दूतावास शिविर जो हम आयोजित करते हैं, वह समुदाय के लिए उपयोगी है। मैं समझता हूं कि कनाडा के अन्य हिस्सों में उदाहरण के लिए वैंकूवर में, वाणिज्य दूतावास शिविर आयोजित किए जाएंगे। ये वाणिज्य दूतावास शिविर सामुदायिक संगठनों के अनुरोध पर आयोजित किए जाते हैं।