भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने ऑस्ट्रेलिया के सफल दौरे के बाद अब सिंगापुर का दौरा शुरू किया है। शुक्रवार को सिंगापुर पहुंचने के बाद, उन्होंने सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री गान किम योंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात में द्विपक्षीय साझेदारी को और प्रगति देने के तरीकों पर चर्चा की गई।
जयशंकर और गान किम योंग ने खासतौर पर औद्योगिक पार्क, नवाचार, और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया। इन क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने के लिए कई अहम पहलुओं पर बात की गई। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
यह दौरा भारत और सिंगापुर के बीच पहले से मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगति देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां दोनों देशों के पास सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं हैं। जयशंकर का सिंगापुर यात्रा, उनके दो देशों के दौरे के दूसरे चरण का हिस्सा है, जो भारत की विदेश नीति को और अधिक मजबूत और विविध बनाने के उद्देश्य से है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। इस दौरान, उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय साझेदारी को और प्रगति देने पर जोर दिया। एक और अहम पहल के रूप में, उन्होंने कनाडा के ब्राम्पटन में हिंदू मंदिर पर हुए हमले के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के साथ एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी किया, जिससे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो हैरान रह गए।
Started my visit to Singapore by meeting DPM & Minister for Trade and Industry Gan Kim Yong.
Discussed taking forward contemporary 🇮🇳 🇸🇬 partnership, with a focus on industrial parks, green energy, skilling, innovation and semiconductors. pic.twitter.com/QBKw0BGwPH
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 8, 2024
यह कदम भारत की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के तहत भारत ने अपने मित्र देशों ऑस्ट्रेलिया और अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर कनाडा पर दबाव बनाने की कोशिश की। हिंदू मंदिरों पर हमलों और भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाली गतिविधियों को लेकर कनाडा में बढ़ते तनाव के बीच, जयशंकर ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। उन्होंने अपनी रणनीति के तहत ट्रूडो सरकार को यह संदेश दिया कि भारत इस तरह की घटनाओं को लेकर चुप नहीं रहेगा।
इसके बाद, जब ऑस्ट्रेलियाई टीवी चैनल ने ज्वाइंट स्टेटमेंट को प्रसारित किया, तो कनाडा सरकार ने उस चैनल पर बैन लगा दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कनाडा इस मुद्दे पर भारत के दबाव के कारण घबराया हुआ है। इस घटनाक्रम से यह साबित हुआ कि भारत अपनी कूटनीति में लगातार प्रभावी रणनीति अपना रहा है, और उसने अपने मित्र देशों के साथ मिलकर कनाडा पर भारी दबाव डाला है।
इस रणनीति से भारत ने यह संदेश दिया है कि वह अपने नागरिकों के सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दों पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा और अपनी विदेश नीति को सशक्त बनाने के लिए कड़ी कार्रवाई करेगा। एस. जयशंकर की यह कूटनीतिक चाल, जो पीएम मोदी के मिशन के तहत तैयार की गई थी, ने यह दिखा दिया कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति और प्रभाव को मजबूती से स्थापित कर रहा है।
एस जयशंकर ने किया ट्वीट
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की सिंगापुर यात्रा इस समय के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनके द्वारा किए गए ट्वीट में यह स्पष्ट है कि उन्होंने सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री और व्यापार एवं उद्योग मंत्री गान किम योंग से मुलाकात की और औद्योगिक पार्क, हरित ऊर्जा, कौशल, नवाचार और सेमीकंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समकालीन साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
सिंगापुर के साथ भारत का द्विपक्षीय संबंध कई स्तरों पर प्रगति कर रहा है, और इस यात्रा में इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच और भी घनिष्ठ सहयोग की संभावना पैदा कर सकते हैं। औद्योगिक पार्क और सेमीकंडक्टर जैसे तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्रों में सहयोग से भारत को अपने आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिल सकता है, वहीं हरित ऊर्जा और नवाचार के क्षेत्रों में साझेदारी से पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी दोनों देशों को लाभ हो सकता है।